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मेवात में मिट्टी के दीयों से सजा बाज़ार, नहीं मिल रहे खरीददार, कैसी कुम्हारों की दीवाली होगी रोशन

दीवाली कुम्हारों को उम्मीद थी कि मिट्टी के दीये और कलशों की बिक्री से उनके कारोबार में उछाल आएगा।

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मेवात: दीवाली का त्योहार आने वाला है और अभी से बाज़ार खरीददारों से गुलज़ार हैं पर कुम्हारों की दीवाली सुनी लग रही है। क्योंकि विभिन्न बाज़ारों में मिट्टी के दिये बाजार में सज गए हैं, लेकिन खरीददार नहीं हैं। दीवाली कुम्हारों को उम्मीद थी कि मिट्टी के दीये और कलशों की बिक्री से उनके कारोबार में उछाल आएगा।

इसी उम्मीद के साथ ही कुम्हारों के चाक की रफ्तार तेज हो गई और गांवों में मिट्टी का बर्तन बनाने वाले कुम्हार दिन – रात काम करने लगे। लेकिन बाजारों में बिक रहे चाइनीज सामान और फैंसी आइटमों की वजह से मिट्टी के दिये और अन्य सामान की बिक्री कम हो गई है। जिससे कुम्हारों की चिंता बढ़ गई है।

प्रजापत समाज के लोगों का कहना है की सरकार को प्रजापत समाज के लिए कोई योजना बनानी चाहिए ताकि बच्चों का पालन पोषण ठीक ढंग से हो सके। यही कारण है कि प्रजापत समाज की युवा पीढ़ी अपने बुजुर्गों की इस कला को छोड़कर अन्य कार्य करने में ज्यादा रुचि ले रहे हैं।

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