झज्जर: प्रदेश में चल रही बूंदाबांदी और बरसात का फसलों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे गेहूं और सरसों की फसल को खूब फायदा मिलेगा। बात की जाए झज्जर जिले की तो यहां 3 लाख 71 हजार हैकटेयर कृषि योग्य भूमि है। जिसमें से 2 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल, तो वही 80 से 90 हजार हेक्टेयर में सरसों की खेती की जाती है और अन्य बच्ची जमीन पर तिलहन की बुवाई किसानों ने पहले ही कर दी है। गेहूं और सरसों की फसल के लिए बरसात सोना बनकर बरसी है।
झज्जर जिले के कृषि विभाग में कार्यरत टेक्निकल ऑफीसर ईश्वर जाखड़ का कहना है कि गेहूं और सरसों की फसल के लिए आसमान से सोना बरसा है।। इस बरसात से गेहूं और सरसों की फसल में पहला पानी अपने आप ही लग गया है। इन फसलों में अब किसान यूरिया खाद डाल सकते हैं। जिससे भरपूर पैदावार होगी। उन्होंने बताया कि जिलेभर में सरसों की बुवाई पहले ही हो चुकी है और करीब 80% गेहूं की बुवाई भी पूरी भी हो चुकी है। ऐसे में यह बरसात दोनों ही फसलों पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाली है । इससे किसने की पैदावार भी ज्यादा होने की उम्मीद बनी है। इससे किसान भी बेहद खुशी नजर आ रहे हैं । उनका कहना है कि इस बरसात की वजह से उनका फसलों में पानी देने के लिए डीजल पर खर्च होने वाला पैसा बच गया है।
हम आपको बता दें कि झज्जर जिले में कल दोपहर बाद से बूंदाबांदी और बरसात का दौर चल रहा है। झज्जर में 40 एमएम बरसात हुई है। यह बरसात एक तरफ जहां किसानों के लिए वरदान तो वहीं शहर के आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है । कई जगह जल भराव की स्थिति से लोग परेशान हैं। हालांकि लगातार बढ़ रहे प्रदूषण स्तर पर भी इस बरसात में लगाम लगाने का काम किया है । बहादुरगढ़ शहर का ए क्यू आई लेवल कल 406 तक पहुंच गया था जो अब महज 223 रह गया है।