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पलवल के अगवानपुर गांव में पिछले कई वर्षों से बंद पड़ी दोआबा घी की फैक्ट्री पर मचा बवाल

राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित पलवल के अगवानपुर गांव में पिछले कई वर्षों से बंद पड़ी दोआबा घी की फैक्ट्री पर बवाल मच गया। अचानक भारी पुलिस बल को देख लोगों का कौतूहल बढ़ गया। पुलिस कथित तौर पर बैंक प्रतिनिधि के आग्रह पर दोआबा फैक्ट्री पहुंची थी। लेकिन जिस मकसद से प्लेटफार्म पर पहुंची थी उस.

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राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित पलवल के अगवानपुर गांव में पिछले कई वर्षों से बंद पड़ी दोआबा घी की फैक्ट्री पर बवाल मच गया। अचानक भारी पुलिस बल को देख लोगों का कौतूहल बढ़ गया। पुलिस कथित तौर पर बैंक प्रतिनिधि के आग्रह पर दोआबा फैक्ट्री पहुंची थी। लेकिन जिस मकसद से प्लेटफार्म पर पहुंची थी उस मकसद में कामयाब नहीं हुई। वापस लौट कर पुलिस ने भगवानपुर गांव के रहने वाले 3 नामजद तथा 20 -25 अन्य लोगों के खिलाफ फैक्ट्री का ताला तोड़ने और गार्डों को पीटकर भगाने का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। एफ आई आर में उन मजदूरों के नाम भी शामिल है जो फैक्ट्री के गेट पर अपने लाखों रुपए के बकाया वेतन की मांग के लिए धरना दे रहे थे । दोआबा कम्पनी प्रतिनिधियों ने इस कार्रवाई को पुलिस की दादागिरी बताया है।

पलवल के अगवानपुर स्थित बंद पड़ी फैक्ट्री के कब्जे को लेकर फैक्ट्री गेट पर पुलिस के साथ गए। बैंकर आदि की तीखी तकरार के बीच अपने बकाया वेतन के लिए धरना दे रहे मजदूरों ने कम्पनी मालिक रमेश कुमार जैन तथा एसबीआई के खिलाफ नारेबाजी कर अपने बकाया वेतन की मांग की।आपको बता दें राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित अगवानपुर गांव में लगभग 30 वर्ष पूर्व दोआबा घी बनाने वाली फैक्ट्री की स्थापना की गई थी। जो पिछले करीब पांच 6 वर्ष से बंद पड़ी हुई थी। फैक्ट्री के ऊपर अलग-अलग बैंकों का करोड़ों रुपए लोन का समय पर भुगतान नहीं होने के कारण बैंकर्स ने तमाम कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए इस पर सील लगवा दी थी। इंडस्ट्रियल प्रोग्रेसिव इंडिया लिमिटेड कंपनी जो दवा बाघी तथा दूध पाउडर और मक्खन और क्रीम आदि बनाती थी उस पर भारतीय स्टेट बैंक तथा दूसरे अन्य बैंकों का कुल मिलाकर ₹673214133 कर्ज था। कर्ज की समय पर आ जाएगी नहीं होने के कारण बैंकर्स की तरफ से ऑनलाइन नीलामी का भी प्रयास किया गया । लेकिन बाद में उसे ऑफलाइन तरीके से ऑक्शन कर दिया गया। जिसे कंपनी के मालिकों ने चुनौती देते हुए उस पर रोक लगवा दी थी और अपने ऊपर कर्जे में से कुछ का भुगतान अदालत में कर दिया था।

लेकिन अभी न्यायिक प्रक्रिया में मामला होने के चलते स्पष्ट तौर पर इसका मालिक ना बैंक है, ना ऑक्शन में बोली लगाकर बैंकों को पैसे देने वाला कोई भी स्पष्ट तौर पर मालिक नहीं है। गत दिवश कुछ लोग जिसमें बैंकों के प्रतिनिधि तथा ऑक्शन में खरीदने वाले लोग पुलिस बल के साथ द्वारा कंपनी में गए लेकिन वहां पर पहले से ही पुराने मालिक के साथ-साथ कुछ ऐसे मजदूर भी वहां गेट पर उन्हें मिले जिन्होंने पुलिस बल के साथ गए लोगों को कम्पनी के गेट का ताला नहीं खोलने दिया। मजदूरों ने मौके पर पुलिस पुलिस तथा अन्य लोगों को देखकर मिल कंपनी गेट पर नारेबाजी की। कम्पनी प्रतिनिधि के तौर पर मिले साहिल व जगत सिंह आदि लोगों ने इस कार्रवाई की काफी तीखी निंदा कर पुलिस पर लोगों के धमकाने के आरोप लगाए है।

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