कोरोना से ठीक हुए मरीजों में बढ़ा हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में नहीं…AIIMS की स्टडी में दावा

नेशनल डेस्क: कोरोना वायरस ने लोगों की जिंदगी उथल-पुथल कर दी थी। कोरोना ने न जाने कितनी ही जिंदगियां लील लीं। वहीं कोरोना के बाद भी जो लोग इस वायरस की चपेट में आए थे वो अभी तक पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाए हैं। कोरोना के बाद से उनको कई दिक्कतों का सामना.

नेशनल डेस्क: कोरोना वायरस ने लोगों की जिंदगी उथल-पुथल कर दी थी। कोरोना ने न जाने कितनी ही जिंदगियां लील लीं। वहीं कोरोना के बाद भी जो लोग इस वायरस की चपेट में आए थे वो अभी तक पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाए हैं। कोरोना के बाद से उनको कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

 

वहीं कोरोन के बाद लोगों को हो रही दिक्कतों को लेकर AIIMS ने एक स्टडी की जिसमें चौंकाने वाला दावा किया गया है। AIIMS की स्टडी के मुताबिक सामने आया है कि कोरोना के बाद काफी लोगों को हार्ट की बीमारी हो गई है। स्टडी में बताया गया कि कोरोना के बाद आर्टरी पर असर पड़ा है और सिर्फ इतना ही नहीं ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में नहीं रहता है। कोरोना के बाद लोगों में BP की भी समस्या ज्यादा देखी गई है।

 

एम्स के डॉक्टरों की लोगों को सलाह

ऐसे में अब एम्स के डॉक्टरों ने कोविड मॉडरेट मरीजों को सलाह दी है कि कोविड की वजह से हार्ट की आर्टरी के सेंसर में फॉल्ट आ जाता है और जब ऐसा होता है तो आर्टरी सही से काम नहीं कर पाती। सेंसर के काम नहीं करने की वजह से covid के बाद लोगों के ब्लड प्रेशर में गिरावट आने की समस्या देखी गई है। डॉक्टरों ने दावा किया है कि हम यह साबित करने में सफल हुए हैं कि कोविड से आर्टरी का सेंसर स्टिफ (अकड़) जाता है और इस वजह से ब्लड प्रेशर कंट्रोल नहीं हो पाता है इसलिए जिन लोगों को कोविड मॉडरेट और सीवियर हुआ है, उन्हें साल में कम से कम एक बार टेस्ट जरूर करा लेना चाहिए ताकि पता चलता रहे कि हार्ट और बीपी कंट्रोल में हैं या नहीं? क्योंकि निगरानी रखना जरूरी है।

एम्स ने ऐसे की स्टडी

एम्स के फिजियोलॉजी विभाग के डॉक्टर दीनू एस चंद्रन द्वारा यह स्टडी की गई है। उन्होंने बताया, “सिर्फ गंभीर संक्रमण नहीं पोस्ट कोविड माइल्ड मरीजों में भी यह दिक्कत हो रही है। खासकर जब वो बैठ कर उठते हैं तो थकावट और धड़कन बढ़ जाती है। ऐसे 56 माइल्ड कोविड मरीजों पर स्टडी की गई, जो बिना इलाज और बिना अस्पताल गए ठीक हो गए थे। आमतौर पर बॉडी का ब्लड वेसेल्स बैठकर उठने पर ब्लड लोअर दिशा में जाता है, यह ग्रेविटी की वजह से होता है, ऐसे में जब हार्ट में ब्लड आना कम हो जाता है तो ब्लड प्रेशर गिरना शुरू हो जाता है। डॉ. दीनू एस चंद्रन ने कहा कि माइल्ड कोविड में हुई स्टडी में यह पाया कि 8 से 10 पर्सेंट में यह समस्या हो रही है कि जब वो बैठने के बाद उठते हैं तो उनकी धड़कन बढ़ जाती है, थकान महसूस होती है. ऐसे लोगों की आर्टरी के सेंटर में ही फॉल्ट आ रहा है। डॉ. चंद्रन ने कहा कि आमतौर पर सेंटर रबड़ की तरह होता है, जरूरत पड़ने पर फैलता है लेकिन इस स्थिति में स्टिफ हो रहा था।

 

स्टडी नें शामिल डॉक्टर

एम्स के मेडिसिन, शरीर क्रिया विज्ञान विभाग सहित अन्य विभाग के डॉक्टरों ने इस अध्ययन को किया। इस अध्ययन में कोरोना से प्रभावित हल्के लक्षण वाले मरीजों को चुना गया। यह मरीज दो से तीन माह तक अपने घर में रहकर ही ठीक हो गए।डॉ. प्राची श्रीवास्तव, डॉ. पी. एम. नबील, डॉ. किरण वी. राज, डॉ. मनीष सोनेजा, डॉ. दीनू एस. चंद्रन, डॉ. जयराज जोसेफ, डॉ. नवीत विग, डॉ. अशोक कुमार जारयाल, डॉ. डिक थिजसेन और डॉ. किशोर कुमार दीपक ने इन मरीजों पर अध्ययन किया।

- विज्ञापन -

Latest News