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रामपुर व ननखड़ी में खंड विकास अधिकारी के पद खाली, ग्रामीण परेशान

ये दोनों क्षेत्र शिमला जिले के महत्वपूर्ण हिस्से हैं, जहां जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा निवास करता है।

रामपुर/बुशहर (मीनाक्षी) : शिमला जिले के रामपुर और ननखड़ी में खंड विकास अधिकारी के पदों का खाली रहना स्थानीय समुदाय के लिए बड़ी समस्याओं का कारण बन गया है। ये दोनों क्षेत्र शिमला जिले के महत्वपूर्ण हिस्से हैं, जहां जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा निवास करता है।

खंड विकास अधिकारी का पद स्थानीय प्रशासन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो सरकार की योजनाओं को जमीन पर उतारने, विकास कार्यों को सही तरीके से संचालित करने और जनता के मुद्दों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाता है। लेकिन इन पदों के खाली रहने से क्षेत्र के लोग कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

रामपुर और ननखड़ी में खंड विकास अधिकारी के खाली पड़े पदों को लेकर 6 महिने से भी अधिक का समय हो गया है। पद खाली रहने से ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ सही तरीके से नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए खंड विकास अधिकारी की उपस्थिति आवश्यक होती है, ताकि योजनाओं का सही तरीके से  क्रियान्वयन हो सके।

विशेष रूप से, सरकार द्वारा शुरू की गई ग्रामीण विकास योजनाओं, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, कृषि संबंधित योजनाएं आदि को जमीन पर उतारने में कठिनाई हो रही है। इसके अलावा, इन क्षेत्रों के नागरिकों को जन शिकायतों के समाधान के लिए भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बिना खंड विकास अधिकारी केए इन शिकायतों को दूर करने में प्रशासनिक लेटलतीफी हो रही है।

कई बार लोग अपनी शिकायतों के समाधान के लिए लंबा इंतजार करते हैं और इस कारण से उनका विश्वास सरकार पर कमजोर हो रहा है। सरकार द्वारा योजनाओं का संचालन करने के लिए खंड विकास अधिकारी का होना अनिवार्य होता है, ताकि वे उन योजनाओं को लागू कर सकें और उनका सही तरीके से पालन करवा सकें। खंड विकास अधिकारी के बिना, योजनाओं का कार्यान्वयन अधूरा पड़ा हुआ है।

इससे ना सिर्फ सरकार की योजनाओं की सफलता प्रभावित हो रही है, बल्कि स्थानीय स्तर पर लोगों को उनका लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। इस समस्या को लेकर स्थानीय लोगों ने सरकार से आग्रह किया है कि इन पदों को शीघ्र भरने की प्रक्रिया शुरू की जाए। वे चाहते हैं कि जल्द से जल्द नए खंड विकास अधिकारी नियुक्त किए जाएं ताकि स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली बेहतर हो सके और लोगों को उनके अधिकार मिल सकें। उन्होंने यह भी कहा है कि यदि यह समस्या हल नहीं की गई, तो इससे क्षेत्र के विकास कार्यों में और भी देरी हो सकती है और लोगों की परेशानियां बढ़ सकती हैं।

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