गगरेट विधानसभा क्षेत्र के डेरा बाबा अम्बोआ दरबार में छिंज के बारे में बच्चों को किया गया जागरूक

डेरा बाबा अम्बोआ दरबार में छिंज के बारे में बच्चों को किया गया जागरूक

गगरेट विधानसभा क्षेत्र के डेरा बाबा अम्बोआ दरबार में छिंज के बारे में बच्चों को जागरूक किया गया। इसी दौरान डेरा हरि शाह अंबोआ ने छिंज की जानकारी देते हुए कहा छिंज किसे कहा जाता है और किसी प्रकार होती है तब उन्होंने बताया की जब किसी भक्त ने अपने घर में पशु रखा तो जब वह दूध देने वाली हो गई तो उसका दूसरा भाई उससे ईष्र्या करता था। उन्होंने बताया कि एक भाई ख्वाजा पीर का भक्त था और दूसरा भाई सिद्ध बाबा चानो का भक्त था।जब एक भाई ने सिद्ध बाबा चानो से यह अरदास की कि वह उसके भाई का पशु मर जाए।तब दूसरे भाई ने अपने पशु का दूध ख्वाजा पीर को अर्पण किया तो उसने ख्वाजा पीर से अपने पशुओं की सलामती का वर मांगा। उन्होंने कहा कि जब ख्वाजा पीर को यह पता चला कि उसका भाई उसके भक्त के पशु को मारने जा रहा है तो ख्वाजा पीर टमक और ढ़ोल लेकर निकल पड़े। राकेश शाह जी ने बताया कि जब रास्ते में दोनों भाइयों का सामना हुआ तो ख्वाजा पीर ने सिद्ध बाबा चानो से टमक बजाने की फरियाद की तब ख्वाजा पीर ने ढ़ोल बजाना आरंभ किया और सिद्ध बाबा चानो ने टमक बजाना शुरू किया तब से यह छिंज का आयोजन शुरू हुआ।तब से यह प्रथा चली आ रही है। और उन्होंने बताया कि आ भी यह परंपरा आ भी सोजे रखी है और अपनी संस्कृति को बच्चों तक पहुंचना और उसका ज्ञान देना ही डेरा हरि शाह अम्बोआ का सबसे बड़ा धर्म है ।

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