जल विद्युत परियोजनाओं में राज्य के हितों के लिए कटिबद्ध : Vikramaditya Singh

शिमलाः हिमाचल के लोक निर्माण, युवा सेवा एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शनिवार को सुन्नी क्षेत्र की ग्राम पंचायत चेबड़ी में 382 मेगावाट सुन्नी बांध परियोजना से प्रभावित पंचायतों की जन सुनवाई कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की हैं। नेगी ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान राज्य सरकार एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर.

शिमलाः हिमाचल के लोक निर्माण, युवा सेवा एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शनिवार को सुन्नी क्षेत्र की ग्राम पंचायत चेबड़ी में 382 मेगावाट सुन्नी बांध परियोजना से प्रभावित पंचायतों की जन सुनवाई कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की हैं। नेगी ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान राज्य सरकार एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू जल विद्युत परियोजनाओं में राज्य के हितों के लिए कटिबद्ध है और प्रभावित लोगों के साथ हमेशा खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में 170 करोड़ के विकासात्मक कार्यों के शिलान्यास एवं लोकार्पण किए और शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र को आदर्श विधानसभा क्षेत्र बनाने के लिए कार्य किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सुन्नी बांध परियोजना में स्थानीय युवाओं को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार के लिए प्राथमिकता दी जाएगी और राज्य सरकार सुनिश्चित करेगी कि 80 प्रतिशत रोजगार परियोजना प्रभावित क्षेत्र के युवाओं को उपलब्ध हो। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि स्थानीय युवाओं को तकनीकी शिक्षा की ओर अग्रसर होना चाहिए ताकि उन्हें सुन्नी बांध परियोजना में रोजगार के साधन उपलब्ध हो सके और इसी कड़ी के तहत बसन्तपुर में बहुतकनीकी संस्थान को सरकारी क्षेत्र में स्थापित किया जा रहा है।

सिंह ने कहा कि आपदा के बावजूद भी प्रदेश सरकार ने राहत एवं पुर्नवास कार्यों के लिए 4500 करोड़ रुपए का विशेष राहत पैकेज तैयार किया और मानवीय संवेदनाओं के तहत आपदा प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान की और राज्य आपदा राहत मैन्युअल में संशोधन किया, जिससे प्रभावित परिवारों को अधिक मुआवजा की राशि प्राप्त हुई। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 25 हजार मेगावाट की विद्युत क्षमता है और अभी तक 12 हजार मेगावाट का दोहन किया गया है और इस ओर राज्य सरकार ध्यान केन्द्रित कर रही है ताकि राजस्व में बढ़ोतरी संभव हो सके।

उन्होंने सतलुज जल विद्युत निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे परियोजना प्रभावित क्षेत्र में सड़क के रख-रखाव, पेयजल योजनाओं व कृषि सिंचाई पर विशेष ध्यान दें ताकि स्थानीय लोगों की आर्थिकी को संबल मिले और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिले। उन्होंने परियोजना अधिकारियों को हर 15 दिनों में स्थानीय लोगों के साथ सीधा संवाद एवं समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए ताकि समस्याओं पर सकारात्मक निर्णय लिया जा सके और विकास की गति को बल मिले। उन्होंने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि वह उनके भूमि के मुआवजे के मामले को मुख्यमंत्री और केन्द्र सरकार के समक्ष रखेंगे ताकि उन्हें उचित मुआवजा मिले। इसके अतिरिक्त डंपिंग साइट के मामले को तकनीकी विशेषज्ञों के समक्ष रखने का आश्वासन भी दिया।

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