कांग्रेस सरकार निराशा बांटने की चैंपियन है, सूक्खू राज में निराशा ही हाथ लगेगी

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कहा की यह कांग्रेस सरकार केवल मित्रों की, मित्रों के लिए और मित्रों द्वारा वाली सुक्खू सरकार है।

ऊना: भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कहा की यह कांग्रेस सरकार केवल मित्रों की, मित्रों के लिए और मित्रों द्वारा वाली सुक्खू सरकार है। इस सरकार में अगर सबसे बड़ी एडजस्टमेंट किसी की हुई है तो वह केवल सरकार और सीएम के मित्रों की ही हुई है। सत्ती ने कहा कि यह कांग्रेस सरकार निराशा बांटने की चैंपियन है, इस सरकार में सभी को केवल निराशा ही हाथ लगी है।


उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार में कुप्रबंधन चरम सीमा पर है, जनता त्रस्त है और सरकार मित्रों को एडजस्ट करने में मस्त है। हाल ही में बिजली उपमंडल नादौन के तहत धनेटा स्थित बिजली बोर्ड के कार्यालय में एक कनिष्ठ अभियंता ने शराब के नशे में धुत होकर लोगों व अपने सीनियर अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया। जिस पर कर्मचारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सोचने की बात तो यह है की इस सरकार में यह नौबत बार बार क्यों आती है। इस प्रकार का गैरजिम्मेदार व्यवहार माफी के काबिल नहीं है और प्रदेश के शर्मसार करता है। सतपाल सत्ती ने कहा कि एक तरफ राशन की दिक्कत हो रही है ,दूसरी तरफ पानी की किल्लत है, वही बिजली के कट लग रहे हैं लोग परेशान हैं सरकार के मित्र मस्त हैं।

उन्होंने कहा की सस्ते राशन के डिपुओं से सरसों का तेल, रिफाइंड और चीनी गायब हो गई है। इस कारण उपभोक्ताओं को जून में आधा-अधूरा राशन मिल रहा है। बिलासपुर में करीब 1.77 लाख राशन कार्ड धारकों को जून में महंगे दामों पर बाजार से चीनी और तेल खरीदना पड़ सकता है। इसका कारण खाद्य तेल का टेंडर नहीं होना और चीनी के रेट को सरकार से स्वीकृति नहीं मिलना है। गोदामों में अभी तक सरसों तेल, रिफाइंड तेल और चीनी की सप्लाई नहीं पहुंच पाई है।

यह है वर्तमान कांग्रेस सरकार की सच्चाई, ना जाने हर मुश्किल की घड़ी में सरकार किधर गायब हो जाती है। जब जब जनता पर मुसीबत आती है तब तब सरकार को लेंस से ढूंढना पड़ता है। सत्ती ने कहा कि सरकार में मित्रों को लेकर कभी कोई भी बड़ी घोषणा हो सकती है पर जनता के लिए जनहित के कार्य, प्रदेश में विकास के कार्य सभी रुके पड़े है। जब से कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है तब से जनता समग्र विकास के इंतजार में है। विधायकों, जन प्रतिनिधियों यहां तक की पंचायत के प्रधान भी इंतजार में है की उनके क्षेत्र में कुछ विकास का काम होगा।

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