Congress सरकार की युवा विरोधी मानसिकता आई सामने : ऋषभ ठाकुर

शिमला (सृष्टि) : शिमला में 1971 में विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। ताकि छात्रों को अपने प्रदेश में ही उच्च शिक्षा मिल सके। उसके बाद भाजपा ने छात्र हित की बात सोची और मंडी में करीब 72 साल के बाद सरदार पटेल विवि को खोला गया। लेकिन आज कांग्रेस पार्टी उसे बढ़ा करने की.

शिमला (सृष्टि) : शिमला में 1971 में विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। ताकि छात्रों को अपने प्रदेश में ही उच्च शिक्षा मिल सके। उसके बाद भाजपा ने छात्र हित की बात सोची और मंडी में करीब 72 साल के बाद सरदार पटेल विवि को खोला गया। लेकिन आज कांग्रेस पार्टी उसे बढ़ा करने की बजाय घटाने का काम कर रही है। इससे पता चलता है कि कांग्रेस छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। विश्वविद्यालय का दायरा कम करने को लेकर ढालपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा एडीएम कुल्लू को एक ज्ञापन सोपा गया और मांग रखी गई कि इस विश्वविद्यालय का दायरा कम ना किया जाए।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक ऋषभ ठाकुर ने कहा कि मंडी में खोले गए सरदार पटेल विवि से जिला मंडी ,कुल्लू, लाहुल-स्पीति, कांगड़ा, चम्बा, हमीरपुर के छात्रों को फायदा मिल रहा था लेकिन सरकार ने आज 35 हजार छात्रों के हितों के विरोध में यह फैसला लिया है। जिसे बिलकुल भी बर्दाश्त नही किया जाएगा। ऋषभ ठाकुर का कहना है कि इस विश्वविद्यालय से 6 जिला के 127 कॉलेज जुड़े हुए हैं और 35000 छात्रों को इससे फायदा मिल रहा है। इसके अलावा 600 छात्रों के द्वारा विश्वविद्यालय में सीधे तौर पर भी एडमिशन ली गई है। लेकिन अब कांग्रेस के द्वारा इसका दायरा काम किया जा रहा है और मात्र 45 कॉलेज को इसके साथ जोड़ा जा रहा है।

उन्होंने बताया कि पूर्व की भाजपा सरकार में इसके लिए बासा धार में 425 बीघा भूमि का भी अधिग्रहण किया है और एफसीए का केस भी मंजूरी के लिए भेजा गया है। ऐसे में जब पूर्व भाजपा सरकार ने इस विश्वविद्यालय के संचालन के लिए सभी औपचारिकताओं को पूरा किया है। तो कांग्रेस किन कारणों के चलते अब इसका दायरा कम कर रही है। इस बात की जानकारी भी अब कांग्रेस सरकार को छात्रों को देनी चाहिए। कांग्रेस सरकार के द्वारा अब इस विश्वविद्यालय के दायरे में जिला मंडी, जिला लाहौल स्पीति व जिला कुल्लू के कॉलेज को ही जोड़ा गया है। वही ऋषभ ठाकुर का कहना है कि अगर जल्द ही सरकार के द्वारा अपना निर्णय नहीं बदल गया। तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

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