Jol-sappar में फैला डायरिया, पेयजल योजनाओं के पानी के दोबारा प्रदूषित होने की पैदा हुई आशंका

हमीरपुर : नादौन उपमंडल के जोल सप्पड़ क्षेत्र में बीमारी डायरिया से कई लोग पीड़ित हुए थे और उस समय क्षेत्र में हड़कंप मच गया था। मुख्यमंत्री से लेकर उपमुख्यमंत्री, जल शक्ति विभाग व जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग ने डायरिया को रोकने में सफलता पाई थी। क्योंकि यह डायरिया कुनाह खड्ड में बनी पानी स्कीमों.

हमीरपुर : नादौन उपमंडल के जोल सप्पड़ क्षेत्र में बीमारी डायरिया से कई लोग पीड़ित हुए थे और उस समय क्षेत्र में हड़कंप मच गया था। मुख्यमंत्री से लेकर उपमुख्यमंत्री, जल शक्ति विभाग व जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग ने डायरिया को रोकने में सफलता पाई थी। क्योंकि यह डायरिया कुनाह खड्ड में बनी पानी स्कीमों के दूषित होने से फैली थी। जल शक्ति विभाग ने डायरिया को रोकने के युद्ध स्तर पर कार्य किया और लोगों को घर-द्वार पर शुद्ध पेयजल मुहैया करवाया था। विभाग ने अभी कुछ राहत ली ही थी कि क्षेत्र के बन्न गांव के पास टैंकों का सीवरेज खुले नाले में छोड़ने से बदबू फैल गई है जिस नाले में सीवरेज छोड़ा गया है, वह कुनाह खड्ड में रंगस के पास मिलता है। इससे उठाऊ पेयजल योजनाओं के पानी के प्रदूषित होने की भी दोबारा आशंका पैदा हो गई है। अब जिन सेप्टिक टैंकों की सीवरेज को नाले में छोड़ा जा रहा है, वह निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का कॉम्प्लेक्स है।

बन गांव के निवासी और पूर्व वार्ड पंच फांदी खान ने बताया कि उनकी यह समस्या रोज-रोज की है। हर 15 दिन के बाद ड्रम नुमा इन सेप्टिक टैंक को निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज कॉम्प्लेक्स के कर्ताधर्ता खाली करते हैं। सीवरेज नाले से बहती हुई कुनाह खड्ड में मिलती है। गत देर शाम तक यही काम जारी रहा। क्षेत्र में बदबू फैली हुई है। जब ग्रामीणों ने विरोध किया तो चूने का छिड़काव करवा दिया गया। जिस खड्ड में इस नाले का पानी मिलता है। उसमें जल शक्ति विभाग की लगभग 8 पेयजल योजनाएं मौजूद हैं जिससे पीने के पानी लोगों के घरों में सप्लाई की जाती है। अब यदि सीवरेज नाले से होती हुई खड्ड में मिलेगी, तो क्षेत्र में बीमारियां तो फैलेंगी ही। लेकिन इस भयंकर लापरवाही से निपटने के लिए कदम कोई क्यों नहीं उठा रहा।

मामला ध्यान में आते ही पुलिस थाने में रिपोर्ट करवा दी दर्ज : रविन्द्र कुमार

जल शक्ति उपमंडल नादौन के सहायक अभियंता रविन्द्र कुमार से जब इस संदंर्भ में बात की गई तो उन्होंने बताया कि जैसे ही यह मामला विभाग के ध्यान में आया तो तत्काल इस संबंध में नादौन पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दी गई है। उन्होंने कहा कि मैडिकल कॉलेज का निर्माण करने वाली कंपनी के खिलाफ व मैडिकल कालेज अस्पताल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। रिपोर्ट में पुलिस विभाग से आग्रह किया है कि उपरोक्त के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाए ताकि भविष्य में दोबारा गलती ना हो। उन्होंने बताया कि इस संबंध में एक्शियन सीपीडब्ल्यूडी व संबंधित उच्च अधिकारियों को भी इस संबंध में अवगत करवा दिया गया है।

कॉम्प्लैक्स में काफी संख्या में लेबर व कर्मचारी

जोल सप्पड़ के निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज कॉम्प्लेक्स में काफी संख्या में लेबर और अन्य कर्मचारी रहते हैं। इनके लिए ही सीवरेज टैंक के रूप में ड्रम लगाए गए हैं। यह 15 दिन में भर जाते हैं, इसीलिए चुपके से इन्हें खाली करने के लिए सीवरेज नाले में छोड़ दी जाती है। जोकि ग्रामीणों के आफत बन गया।

क्या बताती है मैडीकल कालेज की प्रिसींपल

जब इस संदंर्भ में मैडीकल कॉलेज की प्रिंसीपल सुमन यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला ध्यान में आया है और ऐसा होना नहीं चाहिए। क्योंकि सिस्टम इस ढंग से बनाया गया है कि इन टैंकों को खाली नहीं करना पड़े, लेकिन फिर भी यदि कोई समस्या है, तो पता करवाकर ऐसी स्थिति को फिर नहीं होने दिया जाए, इसकी व्यवस्था की जाएगी।

जिला प्रशासन से की गई है शिकायत : राजीव कुमार

उधर, पंचायत प्रधान राजीव कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस घटना की जिला प्रशासन से शिकायत की गई है। पूर्व वार्ड पंच फांदी खान ने इसकी जानकारी दी है कि हर 15 दिन के बाद टैंकों का सीवरेज खुले नाले में छोड़ा जाता है। इससे क्षेत्र में दोबारा बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है।

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