हिमाचल प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर अब डॉक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। तो वहीं डॉक्टरों ने प्रदेश सरकार से मांग रखी है कि जल्द उनकी मांगों को पूरा किया जाए। वरना सरकार के खिलाफ आगामी समय में नई रणनीति भी अपनाई जाएगी। जिला कुल्लू के क्षेत्रीय अस्पताल में भी डॉक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर अपना रोष व्यक्त किया इसके अलावा डॉक्टर के द्वारा ओपीडी, इमरजेंसी में अपनी सेवाएं जारी रखी गई। क्षेत्रीय अस्पताल में तैनात डॉक्टर कल्याण का कहना है कि हालांकि उनकी मांगे नई नही है और जून 2023 में सरकार ने उनकी मांगों को पूरा करने के बारे में आश्वासन दिया था। लेकिन अभी तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो पाई है। डॉक्टर कल्याण का कहना है कि प्रदेश में अनुबंध पर नियुक्त विशेषज्ञ चिकित्सकों को 33 हजार 660 रुपए वेतन के रूप में दिया जा रहा है। जो कि पूरे भारतवर्ष में सबसे कम है। मुख्यमंत्री ने 3 जून को एड्स कंट्रोल सोसायटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर का भार भी स्वास्थ्य निदेशक को लौटाने की बात कही थी और मेडिकल कॉलेज में प्रधानाचार्य और वरिष्ठ स्वास्थ्य अधीक्षक की शक्तियों को भी संशोधन के साथ लौटाने पर सहमति जताई थी। लेकिन अब सात महीने बीत जाने के बाद भी पालन न होने पर डॉक्टर में रोष है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में चिकित्सक दुर्गम क्षेत्रों में भी दिन-रात अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं और केंद्रीय सरकार या बिहार जैसे अन्य राज्यों की अपेक्षा में बहुत ही कम वेतन दिया जा रहा है। ऐसे में पूरे प्रदेश में डॉक्टरों का रोष प्रदर्शन जारी है और सरकार से उनकी मांगों को जल्द पूरा करने के बारे में भी मांग रखी गई है।