कुल्लूः कुल्लू के दुर्गम इलाकों में लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं आशा वर्कर पहुंच रही हैं। सैंज घाटी की रहने वाली आशा वर्कर चिंता देवी ने 8 घंटे तक 23 किलोमीटर का सफर तय करके नवजात बच्चे का स्वास्थ्य देखने पहुंची। इतना लंबा सफर करने के बाद भी पहले आशा वर्क ने नवजात की स्वास्थ्य जांच की। इन दिनों सैंज घाटी की गाड़ापारली पंचायत के अति दुर्गम गांव शुगाड़, शाकटी और मरौड़ में छोटे बच्चों को अचानक किसी अज्ञात बीमारी ने घेर लिया है। सैंज घाटी में बच्चों में फैली बीमारी को लेकर अब स्वास्थ्य विभाग की टीमें रवाना कर दी गई है।
सीएमओ सुशील चंद्र ने बताया कि आज स्वास्थ्य विभाग की एक टीम को आज रवाना कर दिया गया है। बता दें, ये गांव सड़क मार्ग से करीब 18 किलोमीटर की दूरी पर है और पैदल रास्ता भी काफी संकरा और खतरनाक है। ऐसे में ग्रामीणों को अपने बच्चों का इलाज करवाना मुश्किल हो गया है, जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने तुरंत डॉक्टरों की एक टीम डेप्यूट करके गांव के लिए रवाना कर दी है, ताकि बच्चों के स्वास्थ्य की शीघ्र जांच की जा सके।