झिकनीपुल के शानग गांव में तेंदुए ने बच्चे पर किया जानलेवा हमला, सिर और गले में आईं गहरी चोटें

नेरवा : बीती रात 8 बजे ग्राम पंचायत झिकनीपुल के शानग गांव में एक तेंदूए ने एक बच्चे पर जानलेवा हमला कर दिया। गांववासी वीरेंद्र मोखटा ने बताया कि बच्चे की मां भाग्यश्री रोज सुबह शाम उनके घर गाय का दूध दुहने आती है। बीती रात 8 बजे के लगभग रोज की तरह वह दूध.

नेरवा : बीती रात 8 बजे ग्राम पंचायत झिकनीपुल के शानग गांव में एक तेंदूए ने एक बच्चे पर जानलेवा हमला कर दिया। गांववासी वीरेंद्र मोखटा ने बताया कि बच्चे की मां भाग्यश्री रोज सुबह शाम उनके घर गाय का दूध दुहने आती है। बीती रात 8 बजे के लगभग रोज की तरह वह दूध दुहने के बाद वापस अपने घर जा रही थी। इस दौरान उसके साथ उसका आठ वर्षीय पुत्र प्रेम बहादुर, पुत्र राजेश बहादुर व पांच अन्य लोग भी थे। वह अभी आधे रास्ते में ही पहुंचे थे कि अचानक सड़क किनारे पहले से ही घात लगाकर बैठे एक तेंदूए ने बच्चे पर हमला कर दिया। वह बच्चे को सड़क से घसीट कर झाड़ियों में ले गया। अचानक हुए हमले से सभी लोग भौंचक्के रह गए। उन्होंने शोर मचाया व वह बच्चे को ढूंढने के लिए सड़क से नीचे उतर गए।

6-7 लोगों को शोर मचाते अपनी ओर आते देख तेंदुआ घबरा गया। बच्चे को घायल अवस्था में छोड़ कर भाग गया। प्रेम बहादुर को सिर व गले में गहरी चोटें आईं हैं। गांववासी उसे सिविल अस्पताल नेरवा ले गए। जहां पर डाक्टरों ने उसे प्राथमिक उपचार प्रदान करने के उपरान्त आईजीएमसी शिमला के लिए रेफर कर दिया गया। जहां पर उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। वीरेंद्र मोखटा ने बताया कि बीते साल भी यहीं पर तेंदुए ने एक बच्चे पर हमला कर दिया था। जिसकी बाद में मृत्यु हो गई थी। हमला भी मुख्य सड़क पर हुआ है।

उच्च विद्यालय शाइला यहां से मात्र आधा किलोमीटर दूर है। शानग, शईला, डकोली व रावतन आदि गांव के बच्चे इसी मार्ग से स्कूल जाते हैं। बीते साल भी वन विभाग ने इस स्थान पर तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया था, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। उन्होंने मांग की है कि इस स्थान पर पुन: पिंजरा लगाया जाए। इस विषय पर बात करने के लिए जब वनमंडलाधिकारी चौपाल अंकित कुमार सिंह से संपर्क साधने की कोशिश की तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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