Shimla में बरसात से हुआ 2 हजार करोड़ से ज्यादा का नुक्सान, 88 लोगों की हुई मौत

शिमला (गजेंद्र) : पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में पहाड़ी प्रदेश मानसून की बरसात में इस बार भारी कर भर पाया है। राजधानी शिमला भी बारिश के कर से नहीं बच पाई और जगह-जगह बहुत संकलन पेड़ गिरने से शिमला को ही 2000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है, जबकि 24 जून से लेकर अब.

शिमला (गजेंद्र) : पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में पहाड़ी प्रदेश मानसून की बरसात में इस बार भारी कर भर पाया है। राजधानी शिमला भी बारिश के कर से नहीं बच पाई और जगह-जगह बहुत संकलन पेड़ गिरने से शिमला को ही 2000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है, जबकि 24 जून से लेकर अब तक 88 लोगों की मौत हो गई। बरसात में 2864 पक्के मकान जबकि 1721 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गए। शिमला में “दिशा” की बैठक में ये आंकड़ा सामने आया।

बैठक की अध्यक्षता सांसद भाजपा शिमला सुरेश कश्यप ने की। सुरेश कश्यप ने बताया की इस बरसात में उनके संसदीय क्षेत्र शिमला का कोई भी विधानसभा क्षेत्र बरसात कि मार से बच नहीं पाया है। हिमाचल के सभी सांसद बरसात के नुकसान की भरपाई के लिए कार्य कर रहे हैं। केंद्र से हिमाचल को 1200 करोड़ की मदद से मिल चुकी है। अब हिमाचल सरकार को प्रभावित लोगों की मदद करनी है। जो अभी तक नही मिल पाई है।

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा की मंडी की सांसद प्रतिभा सिंह का पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। वह उनको बताना चाहेंगे कि पत्र लिखने से कुछ नहीं होगा, वह मंडी की संसद भी है और कांग्रेस पार्टी की प्रदेश की प्रदेश अध्यक्षा भी है उनका स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहिए। इस आपदा की घड़ी में वैसे भी केंद्र सरकार ने किसी भी प्रकार की कमी नहीं रखी है, एक ओर केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को आपदा के लिए 1200 करोड़ से अधिक की राशि उपलब्ध कराई है, आपदा प्रभावित लोगों को 6000 से ज्यादा घर उपलब्ध करवाए गए हैं और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 2643 करोड़ की राशि स्वीकृत की है, शायद कांग्रेस नेताओं को यह दिखता नहीं है। अब काम तो कांग्रेस सरकार को करना है केंद्र तो सहायता प्रदान कर सकती है।

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