धर्मशाला(यशपाल सिंह) : धर्मशाला जिला प्रशासन की पहल से एयरपोर्ट की जद में आने वाले सैकड़ों परिवारों को मिल रहा लाभ जिला कांगड़ा में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सैकड़ों परिवारों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ रहा है। लोगों के इसी दर्द को समझते हुए जिला प्रशासन ने पूरा होम वर्क किया कि आखिर विस्थापितों को ज्यादा से ज्यादा राहत कैसी दी जाए।
पूरा होम वर्क और गहन स्टडी के बाद जिला प्रशासन ने आरएंडआर की पॉलिसी का प्लान तैयार किया और प्रदेश सरकार ने इसे लागू भी कर दिया। आरएंडआर प्रशासन की सबसे अच्छी नीति क्यों हैं इस गणित को समझना भी जरूरी है। गौर हो कि अभी पठानकोट मंडी फोरलेन का काम जारी है। इसके तहत भी सैकड़ों लोगों के घर और जमीनें फोरलेन की जद में आई हैं।
हालांकि फोरलेन प्रभावितों को भी पूरा मुआवजा दिया गया, लेकिन एयरपोर्ट की तर्ज पर आरएंडआर के तहत किसी को राहत नहीं दी गई है। गग्गल एयरपोर्ट विस्थापिता को प्रदेश सरकार की ओर से आरएंडआर के तहत अलग से प्रावधान रखा गया है, जिसके चलते लोगों को जमीन या एकमुश्त 35 लाख रु पए विस्थापन (उजडू) भत्ता भी दिया जा रहा है,ताकि प्रभावितों का पुनर्वास आसानी से हो सके।
1,200 परिवारों की जमीन का होगा-
अधिग्रहण विस्तारीकरण के लिए 14 गांवों से करीब 1,200 परिवारों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। अधिग्रहण के लिए सरकार ने 14 गांवों की सरकारी और निजी करीब 147 हेक्टेयर (करीब 3847 कनाल) जमीन चिह्नित की है। इस विस्तारीकरण की जद में करीब 938 मकान और 594 के करीब दुकानें हैं, जो एयरपोर्ट की जद में आएंगे। इसके अलावा कुछ अन्य भवन और दुकानें भी हैं, जो सरकारी भूमि पर बने हैं।