जनऔषधि केंद्रों से मरीजों की 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक बचत : Anurag Thakur

हमीरपुर (कपिल) : पहली मार्च से 7 मार्च तक मनाए जा रहे जनऔषधि दिवस के तहत मंगलवार को डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कालेज हमीरपुर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, युवा मामले एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने.

हमीरपुर (कपिल) : पहली मार्च से 7 मार्च तक मनाए जा रहे जनऔषधि दिवस के तहत मंगलवार को डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कालेज हमीरपुर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, युवा मामले एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि जनऔषधि केंद्रों में सस्ती दवाईयां उपलब्ध होने से आम मरीजों और उनके परिजनों को बहुत बड़ी राहत मिली है। देश भर में संचालित किए जा रहे 9000 से अधिक केंद्रों के माध्यम से मरीजों को सस्ती दवाईयां, सर्जिकल उपकरण और अन्य आवश्यक चिकित्सा सामग्री 50 से 90 प्रतिशत तक कम दामों पर उपलब्ध करवाए जा रही है। अनुराग ने बताया कि इन केंद्रों के कारण अभी तक मरीजों की कुल 20 हजार करोड़ रु पये से अधिक की बचत हो चुकी है।

इस योजना के तहत लोगों को 1759 प्रकार की हाई क्वालिटी दवाईयां और 280 प्रकार के सर्जिकल उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। इन सभी दवाईयों एवं उपकरणों में उच्च स्तर की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है तथा इन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मान्यता प्राप्त निर्माताओं से ही खरीदा जाता है। इससे पहले प्रधानाचार्य डॉ. सुमन यादव ने केंद्रीय मंत्री का स्वागत किया तथा जनऔषधि केंद्रों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आम लोग मोबाइल ऐप के माध्यम से भी जनऔषधि केंद्रों की जानकारी आसानी से हासिल करके नजदीकी केंद्र से सस्ती दवाईयां एवं उपकरण प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्र म में एसडीएम मनीष कुमार सोनी, कालेज के प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मी अग्रिहोत्नी, डॉ. रामस्वरूप शर्मा, डॉ. अभिलेष सूद, अन्य डॉक्टर एवं प्रशिक्षु डॉक्टर भी उपस्थित थे।

जनऔषधि केंद्र स्वरोजगार के केद्रों के रूप में भी बना चुके हैं अपनी पहचान

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जनऔषधि केंद्र स्वरोजगार के केद्रों के रूप में भी अपनी पहचान बना चुके हैं। प्रशिक्षित युवाओं को जनऔषिध केंद्र खोलने के लिए पांच लाख रु पये तक की वित्तीय मदद का प्रावधान भी किया गया है। इससे हजारों प्रशिक्षित युवा सफलतापूर्वक जनऔषधि केंद्रों का संचालन कर रहे हैं तथा अन्य युवाओं को भी रोजगार दे रहे है। जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए महिलाओं, दिव्यांगों, सेवानिवृत्त सैनिकों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोगों, पर्वतीय क्षेत्रों एवं द्वीप समूह क्षेत्रों के लोगों के लिए भी 2 लाख रुपए तक की वित्तीय मदद दी जाती है।

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