सीवरेज पाइप लाइन का मामला अब Shimla में होगा हल

रिवालसर : रिवालसर झील किनारे से सीवरेज पाइप लाइन बिछाने का मामला प्रदेश सरकार के पास पहुंच गया है। रिवालसर की स्थानीय संस्था डीएजी की शिकायत पर प्रदेश सरकार ने मामले पर कड़ा संज्ञान लिया है। इस सबंध में प्रदेश के जनजातीय एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने जलशक्ति विभाग से रिवालसर झील किनारे.

रिवालसर : रिवालसर झील किनारे से सीवरेज पाइप लाइन बिछाने का मामला प्रदेश सरकार के पास पहुंच गया है। रिवालसर की स्थानीय संस्था डीएजी की शिकायत पर प्रदेश सरकार ने मामले पर कड़ा संज्ञान लिया है। इस सबंध में प्रदेश के जनजातीय एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने जलशक्ति विभाग से रिवालसर झील किनारे से बिछाए जाने बाली सीवरेज पाइप लाइन का प्लान व सर्वे रिपोर्ट को शिमला तलव करने के मौखिक आदेश जारी किए है। मामले के हल लेकर शिमला में जल्द ही एक बैठक बुलाने की बात कही है। हालांकि, इसकी तय तिथि अभी निर्धारित नहीं कि गई है। वहीं पाइप लाइन विवाद के कारण रिवालसर नगर क्षेत्र में चल रहा सीवरेज का काम प्रभावित हो रहा है।

बता दें कि तीन धमोर्ं की आस्था की प्रतीक रिवालसर झील किनारे से नगर क्षेत्र की सीवरेज पाइप लाइन ले जाने का रिवालसर की डी.ए.जी. संस्था ने कड़ा विरोध किया है। डीएजी संस्था के मैनेजिंग डारेक्टर नरेश शर्मा सहित संस्था से जुड़े लोगों का कहना है कि रिवालसर की ऐतिहासिक पवित्र झील के बिल्कुल नजदीक से सिबरेज पाइप लाइन बिछाना ठीक नहीं है।

भविष्य में अगर पाइप लाइन में किसी प्रकार की लीकेज होगी तो पाइप लाइन में बह रहा सारा मल पवित्र झील में ही समायेगा । झील प्रेमियों का कहना है कि इस पवित्र झील के प्रति हिंदू ,बौद्ध व सिक्ख धर्म के लोगों की गहरी आस्था रही है। भविष्य में इस प्रकार की कोई भी घटना लोगों को ठेस पहुंचा सकती है। अधिशासी अभियंता जलशक्ति विभाग मंडल बग्गी प्रवीण गुप्ता का कहना है कि जिस तकनीक से विभाग पाइप लाइन बिछाएंगे उसमे लीकेज की संभावना न के बराबर है।

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