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प्रतिबद्ध दायित्वों के निर्वहन के लिए 500 करोड़ कर्ज लेगी सुक्खू सरकार

सरकार इस कर्ज का भुगतान 12 सालों के बाद करेगी। गौरतलब है कि सरकार ने बीते नवंबर माह में 2 अलग-अलग मदों में एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था।

शिमला : प्रतिबद्ध देनदारियों के निर्वाहन अर्थात कर्ज व इस पर ब्याज के लिए सरकार 500 करोड़ कर्ज लेगी। भुगतान के बाद बाकी रही रकम को विकास कार्यो पर खर्च किया जाना है। 500 करोड़ के कर्ज की नीलामी की प्रक्रिया 17 दिसंबर अर्थात आज पूरी होगी तथा बुधवार 18 दिसंबर को कर्ज की यह राशि सरकार के खजाने में आएगी।

सरकार इस कर्ज का भुगतान 12 सालों के बाद करेगी। गौरतलब है कि सरकार ने बीते नवंबर माह में 2 अलग-अलग मदों में एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। अब दिसंबर माह में सरकार ने 500 करोड़ रुपए कर्ज लेने के लिए आवेदन किया है तथा इसके बाद सरकार पर करीब 90 हजार 689 करोड़ रुपए कर्ज चढ़ जाएगा।

इस तरह राज्य सरकार कठिन आर्थिक हालात से बाहर निकलने की कोशिश कर रही है, जिसमें सबसे बड़ा संकट कर्मचारियों व पैंशनरों की प्रतिमाह 2 हजार करोड़ रुपए की अदायगियां हैं। इस वित्तीय वर्ष के बाद सरकार के अगले वित्तीय वर्ष में कठिन हालात होने वाले हैं, क्योंकि राजस्व घाटा अनुदान राशि (आरडीजी) में फिर से कटौती हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की तरफ से हिमाचल प्रदेश को मिलने वाली राजस्व घाटा अनुदान राशि के अलावा अन्य मदों से मिलने वाली वित्तीय मदद पर भी कैंची चली है। इसके तहत पीडीएनए के करीब 9042 करोड़ रुपए नहीं मिले हैं। एनपीएस अंशदान के लगभग 9200 करोड़ रुपए पीएफआरडीए के तहत प्राप्त नहीं हुए हैं। इसी तरह जीएसटी मुआवजा जून, 2022 के बाद मिलना बंद हो गई है। नतीजतन हर साल करीब 2500-3 हजार करोड़ रुपए आय कम हो गई है।

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