धर्मशालाः तिब्बती कार्यकर्ताओं ने शनिवार को यहां मैक्लोडगंज में विरोध प्रदर्शन किया और दिल्ली में एकत्र हुए जी20 देशों के नेताओं से तिब्बती संस्कृति को मिटाने के चीन के कथित प्रयासों पर चर्चा करने की अपील की हैं। छात्र प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि चीनी सरकार लगातार उनकी शिक्षा प्रणाली पर हमला कर रही है और तिब्बती संस्कृति और पहचान को मिटाने की कोशिश कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने विश्व नेताओं से चीन की इन गतिविधियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।
स्टूडेंट्स फॉर फ्री तिब्बत (भारत) के राष्ट्रीय निदेशक तेनजिन पासांग ने कहा कि चीन ने तिब्बत में औपनिवेशिक शैली के बोíडंग स्कूल स्थापित किए हैं, चार साल के तिब्बती बच्चों को उनके परिवारों से अलग कर दिया जाता है और इन स्कूलों में भेज दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यह अलगाव उन्हें ना सिर्फ अपने परिवारों से बल्कि अपनी भाषा और संस्कृति से भी अलग कर देता है।
स्टूडेंट्स फॉर फ्री तिब्बत-इंडिया के अभियान निदेशक तेनजनि लेकडेन ने कहा, कि ‘हम जी20 नेताओं से आग्रह करना चाहते हैं कि वे विशेष रूप से इन घटनाओं के बारे में बात करें जो वर्तमान में तिब्बत में हो रही हैं, विशेष रूप से इस औपनिवेशिक बोíडंग स्कूल और तिब्बत के अंदर मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में (चर्चा करें)।’’