बद्रीनाथ धाम में एक मकान अलकनंदा नदी में समाया, कई घरों और धर्मशालाओं पर भी संकट

बद्रीनाथः बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के कार्यों में लापरवाही भी देखी जा रही है। बद्रीनाथ धाम में एक मकान अलकनंदा नदी में समा गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि समय रहते अगर बद्रीनाथ मास्टर प्लान के निर्माण कार्य कर रही संस्था अलकनंदा नदी के किनारे दीवार का निर्माण करा देती तो घटना नहीं.

बद्रीनाथः बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के कार्यों में लापरवाही भी देखी जा रही है। बद्रीनाथ धाम में एक मकान अलकनंदा नदी में समा गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि समय रहते अगर बद्रीनाथ मास्टर प्लान के निर्माण कार्य कर रही संस्था अलकनंदा नदी के किनारे दीवार का निर्माण करा देती तो घटना नहीं होती। भवन के स्वामी राजेंद्र के मुताबिक इन दिनों प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट मास्टर प्लान के तहत अलकनंदा नदी के किनारे सौंदर्यीकरण के कार्य के लिए कटिंग की गई है। उनका आरोप है कि निर्माण कार्य कर रही कंपनियों ने सुरक्षा दीवार का काम नहीं किया। इस कारण मकान नदी में समा गया।

उन्होंने कहा कि धाम में अलकनंदा नदी के तट पर निर्मति कई मकान और धर्मशालाएं अभी भी खतरे की जद में हैं। इतना ही नहीं मास्टर प्लान के तहत चल रहे कार्यों को लेकर निर्माणदायी कंपनियों की मनमानी से तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय व्यापारियों में भी खासा आक्रोश है। बता दें कि बद्रीनाथ मास्टर प्लान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जिसके कार्य तीन चरणों में हो रहे हैं।

पहले चरण में शेषनेत्र और बदरीश झील का सौंदर्यीकरण हो रहा है। इसके साथ ही नदी के किनारे विकास, वनवे लूप रोड का निर्माण, अस्पताल का विस्तारीकरण और बहुउद्देश्यीय आगंतुक भवन का निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं। वहीं, दूसरे चरण में बद्रीनाथ के मुख्य मंदिर के आसपास विकास कार्य होने हैं। तीसरे चरण में झील से मंदिर तक आस्था पथ एवं अन्य कार्य होंगे।

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