नई दिल्ली : इंडियन नेवी को जल्द ही एक बहुत खतरनाक बंदूक मिलने वाली है। इस खतनाक हथिया का नाम 16 सुपर रैपिड गन माउंट है। रक्षा मंत्रालय ने इन हथियारों के लिए 2956.89 करोड़ रुपए में BHEL हरिद्वार के साथ एक समझौता किया है। यह गन एक तरह की ऑटोमैटिक तोप जैसी है, जिनकी गोलियां छोटी होती हैं, लेकिन बड़ी मशीन गन की गोलियों से बड़ी होती हैं।
आपको बता दें कि इस बंदूक का डिजाइन और निर्माण पहले इटली की कंपनी OTO Melara ने किया था और अब भारत में इसका उत्पादन लाइसेंस के तहत हो रहा है। यह बंदूक विभिन्न उपयोगों के लिए उपयुक्त है, जैसे कि एंटी-मिसाइल प्रतिरोध, एंटी-विमान, एंटी-सरफेस, और ग्राउंड सपोर्ट। यह बंदूक आमतौर पर 7.5 टन की होती है। इसकी नली यानी बैरल 62 कैलिबर और 186 इंच लंबी होती है। इसमें 76x636mmR गोलियां लगती है। इसमें इस्तेमाल होने वाली हर गोली का वजन 12.5 किलोग्राम होता है।
इसके खाली खोल का वजन ही 6.3 किलोग्राम है। गोलियों का कैलिबर 76.2 मिलिमीटर होता है यानी 3 इंच। इसकी नली माइनस 15 डिग्री से लेकर 85 डिग्री तक घूम सकती है यानी दुश्मन का बच पाना नामुमकिन है। इसकी रेंज 16 से 40 किलोमीटर होती है। ये रेंज उसके तीन अलग-अलग वैरिएंट्स के हैं। अगर कॉम्पैक्ट मोड में फायरिंग की जाए तो यह 85 राउंट प्रति मिनट और सुपर रैपिड मोड में 120 राउंट प्रति मिनट की दर से फायरिंग करती है। इसकी गोलियां 3000 फीट प्रति सेकेंड की गति से आगे बढ़ती हैं।