नई दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज कहा कि पी-20 शिखर सम्मेलन में 48 संसदीय निकायों के प्रमुखों ने माना है कि सर्वोच्च विधायी संस्था होने के नाते संसदों की संप्रभुता होती है और उनमें दूसरे देशों के आंतरिक मामलों के बारे में चर्चा नहीं की जा सकती है।
श्री बिरला ने आज यहां पी-20 के सफल आयोजन को लेकर योगदान करने वाले सभी पक्षों के प्रति आभार ज्ञापन केे लिए बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल पर यह बात बतायी। उन्होंने कहा, “हमारा स्पष्ट मत है और इसे सबने एक मत से माना है कि संसद सर्वोच्च विधायी संस्था होती है। किसी भी देश के आंतरिक मामलों को लेकर कभी किसी अन्य देश की संसद में चर्चा नहीं हो सकती है।”