ISRO: एक और इतिहास रचने की और भारत, श्रीहरिकोटा से “Gaganyaan Mission” पहले ट्रायल के लिए तैयार

इसराे गगनयान मिशन का पहला ट्रायल शनिवार को करेगा। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से गगनयान की पहली टेस्ट फ्लाइट भेजी जाएगी। पहली टेस्ट फ्लाइट एस्ट्रोनॉट के लिए बनाए गए क्रू मॉड्यूल को अपने साथ लेकर जाएगी और क्रू मॉड्यूल की लैंडिंग बंगाल की खाड़ी में होगी. जहां से नौसेना उसे रिकवर करेगी। मिशन.

इसराे गगनयान मिशन का पहला ट्रायल शनिवार को करेगा। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से गगनयान की पहली टेस्ट फ्लाइट भेजी जाएगी। पहली टेस्ट फ्लाइट एस्ट्रोनॉट के लिए बनाए गए क्रू मॉड्यूल को अपने साथ लेकर जाएगी और क्रू मॉड्यूल की लैंडिंग बंगाल की खाड़ी में होगी. जहां से नौसेना उसे रिकवर करेगी। मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट सुबह 8 बजे रवाना की जाएगी. इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बताया है कि 21 अक्टूबर को टीवी-डी1 परीक्षण उड़ान के बाद गगनयान कार्यक्रम के तहत तीन और परीक्षण यान मिशन शुरू किए जाएंगे।

क्या है गगनयान मिशन?
इसरो ने गगनयान मिशन के तहत मानव दल को पृथ्वी की 400 किलोमीटर की कक्षा में सफलतापूर्वक भेजने की योजना बनाई है। परीक्षण यान की उड़ान (टीवी-डी1) का उद्देश्य क्रू मॉड्यूल (सीएम) का परीक्षण करना है जो अगले साल के अंत में मानव अंतरिक्ष उड़ान के दौरान भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाएगा। टीवी-डी1 परीक्षण उड़ान में मानव रहित क्रू मॉड्यूल को बाहरी अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करना, इसे पृथ्वी पर वापस लाना और बंगाल की खाड़ी में उतरने के बाद इसे वहां से सुरक्षित निकालना है. नौसेना ने मॉड्यूल को पुन: प्राप्त करने के लिए मॉक ऑपरेशन पहले ही शुरू कर दिया है।

इस तरह से होगा परीक्षण
गगनयान के इस परीक्षण के दौरान 17 किमी की ऊंचाई पर उड़ान भरते समय सेफ्टी सिस्टम रॉकेट से अलग हो जाएगा। फिर क्रू कैप्सूल को सुरक्षित धरती पर वापस लाने के लिए पैराशूट का इस्तेमाल किया जाएगा. फिर यह यान श्रीहरिकोटा से 10 किलोमीटर दूर समुद्र में उतरेगा। यह टेस्ट इस बात को पुख्ता करने में मदद करेगा कि अंतरिक्ष यात्रा के दौरान कुछ गड़बड़ होने पर भी अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित रह सकते हैं. गगनयान को लॉन्च करने से पहले इसरो कई परीक्षणों के द्वारा इस अभियान की सफलता को सुनिश्चित करना चाहता है।

 

 

- विज्ञापन -

Latest News