ISRO XPoSat Launch : इसरो ने पहले एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया

इसरो के सबसे भरोसेमंद ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) ने अपने सी58 मिशन में मुख्य एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह (एक्सपोसैट) को पृथ्वी की 650 किलोमीटर निचली कक्षा में स्थापित किया।

श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह का सोमवार को प्रक्षेपण किया जो ब्लैक होल जैसे आकाशीय पिंडों के रहस्यों का अध्ययन करेगा। इसरो के सबसे भरोसेमंद ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) ने अपने सी58 मिशन में मुख्य एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह (एक्सपोसैट) को पृथ्वी की 650 किलोमीटर निचली कक्षा में स्थापित किया। पीएसएलवी ने यहां पहले अंतरिक्ष तल से सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर उड़ान भरी थी। प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे की उलटी गिनती खत्म होने के बाद 44.4 मीटर लंबे रॉकेट ने चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर दूर इस अंतरिक्ष तल से उड़ान भरी। इस दौरान बड़ी संख्या में यहां आए लोगों ने जोरदार तालियां बजायीं। एक्सपोसैट एक्स-रे स्नेत के रहस्यों का पता लगाने और ‘ब्लैक होल’ की रहस्यमयी दुनिया का अध्ययन करने में मदद करेगा।

इसरो के अनुसार, यह खगोलीय स्नेतों से एक्स-रे उत्सजर्न का अंतरिक्ष आधारित ध्रुवीकरण माप में अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी का पहला सर्मिपत वैज्ञनिक उपग्रह है। इस मिशन का जीवनकाल करीब पांच साल है। एक्स-रे ध्रुवीकरण आकाशीय स्नेतों के विकिरण तंत्र और ज्यामिति की जांच के लिए एक महत्वपूर्ण नैदानिक उपकरण के रूप में कार्य करता है। मिशन नियंत्रण केंद्र से बाहर निकलते वक्त इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा, ‘‘आप सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएं। एक जनवरी 2024 को पीएसएलवी का एक और सफल अभियान पूरा हुआ। पीएसएलवी-सी58 ने प्रमुख उपग्रह एक्सपोसैट को निर्धारित कक्षा में स्थापित कर दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस बिंदु से पीएसएलवी के चौथे चरण की कक्षा सिमटकर निचली कक्षा में बदल जाएगी जहां पीएसएलवी का ऊपरी चरण जिसे ‘पोअम’ बताया गया है वह पेलोड के साथ प्रयोग करेगा और उसमें थोड़ा वक्त लगेगा।’’ सोमनाथ अंतरिक्ष विभाग के सचिव भी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह भी बता दूं कि उपग्रह को जिस कक्षा में स्थापित किया गया है वह उत्कृष्ट कक्षा है और लक्षित कक्षा 650 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा से केवल तीन किलोमीटर दूर है और झुकाव 001 डिग्री है जो बहुत उत्कृष्ट कक्षीय स्थितियों में से एक है।

दूसरी घोषणा यह है कि उपग्रह के सौर पैनल को सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है।’’ मिशन निदेशक जयकुमार एम. ने कहा, ‘‘मुझे पीएसएलवी की 60वीं उड़ान की सफलता का जश्न मनाने के लिए बेहद खुशी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जो चीजें इस मिशन को और दिलचस्प बनाती हैं उनमें नयी प्रौद्योगिकियां हैं जिन्हें पोअम 3 प्रयोग में दिखाया जा रहा है, हमारे पास सिलिकॉन आधारित उच्च ऊर्जा वाली बैटरी, रेडियो उपग्रह सेवा..है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण अन्य पक्षकारों के साथ इसरो टीम के पूरे समूह द्वारा किए गए जबरदस्त प्रयासों से संभव हुआ है। यह मिशन इसरो के विभिन्न केंद्रों के विभिन्न दलों द्वारा किए गए प्रयासों के बिना संभव नहीं हो पाता।’

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