CM Omar Abdullah : मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि जम्मू-कश्मीर का केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है और केंद्र सरकार राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा पूरा करेगी। शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में मीडिया से बातचीत में अब्दुल्ला ने कहा, कि हमें सत्ता में आए दो महीने से थोड़ा अधिक समय हो गया है। हमें यह समझने में समय लगा कि केंद्र शासित प्रदेश सरकार कैसे काम करती है। हम पहले भी सरकार चला चुके हैं, लेकिन उस स्वरूप और वर्तमान स्वरूप में बहुत अंतर है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि नई सरकार की शुरुआत सुखद रही है और उन्हें इसमें ज्यादा परेशानी नहीं हुई। सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, कि हम अपने चुनावी वादों को लेकर प्रतिबद्ध हैं। हमने कुछ वादों को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और अन्य वादों के लिए हमें व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है। मुझे उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर का केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है। उन्होंने कहा कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि उनकी पार्टी का घोषणापत्र पांच साल के कार्यकाल के लिए था, न कि पांच सप्ताह या पांच महीने के लिए। नेकां नेता ने कहा, कि कुछ मुद्दे हमारे लिए महत्वपूर्ण थे और हमने उनपर काम किया, जिसमें राज्य का दर्जा और विशेष दज्रे का प्रस्ताव शामिल है।
उन्होंने कहा, कि हम लोग अब उम्मीद कर रहे हैं कि हमसे किए गए वादे पूरे किए जाएंगे। सबसे बड़ा वादा राज्य का दर्जा बहाल करना है। उच्चतम न्यायालय ने भी अपने फैसले में कहा था कि जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए। एक साल बीत चुका है और हमें लगता है कि एक साल बहुत है। सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए उनकी आकांक्षाएं पूरी की जानी चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि उनकी सरकार ने जम्मू-कश्मीर के राज्य के दज्रे की बहाली के लिए अदालतों का रुख करने के बजाय नयी दिल्ली का रुख क्यों किया, तो अब्दुल्ला ने कहा कि इस मामले में कानूनी लड़ाई अंतिम विकल्प होनी चाहिए।
सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, कि अदालत जाना ही लड़ाई होगी। लड़ाई कभी भी पहला विकल्प नहीं होनी चाहिए, यह अंतिम विकल्प होना चाहिए। अगर उच्चतम न्यायालय ने राज्य के दज्रे की बहाली के बारे में बात नहीं कही होती, अगर प्रधानमंत्री और (केंद्रीय) गृह मंत्री ने इस बारे में बात नहीं की होती, तो हम अदालतों में जा सकते थे। उन्होंने वादे किए हैं और हमें पहले उन्हें एक मौका देना चाहिए। सीएम उमर अब्दुल्ला ने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर की सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है और नेशनल कांफ्रेंस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो सकती है।
सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, कि ‘प्रधानमंत्री, गृह मंत्री या राजभवन की ओर से हम पर अपनी विचारधारा बदलने का कोई दबाव नहीं है। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने मुझसे कहा है कि आपकी सरकार अस्थिर नहीं होगी और हम आपको वैसा ही सहयोग देंगे जैसा उपराज्यपाल को दिया गया है।’’ सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, कि उन्होंने कहा है कि वे जनादेश का सम्मान करेंगे। जो लोग यह अफवाह फैला रहे हैं कि मैं अब राजग में शामिल हो जाऊंगा और मैंने अपनी विचारधारा बदल ली है, तो मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता। मैं काम करने आया हूं और काम करूंगा।