केरल 2024 में पर्यटन के लिए ‘Mission 2030’ मास्टर प्लान लाएगा: रियास

तिरुवनंतपुरम : केरल के पर्यटन मंत्री पी ए मोहम्मद रियास ने कहा कि सरकार अगले साल पर्यटन क्षेत्र के लिए एक व्यापक मास्टर प्लान‘मिशन 2030’लेकर आएगी। केरलियम के हिस्से के रूप में यहां पर्यटन पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए रियास ने कहा कि मास्टर प्लान राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन के.

तिरुवनंतपुरम : केरल के पर्यटन मंत्री पी ए मोहम्मद रियास ने कहा कि सरकार अगले साल पर्यटन क्षेत्र के लिए एक व्यापक मास्टर प्लान‘मिशन 2030’लेकर आएगी। केरलियम के हिस्से के रूप में यहां पर्यटन पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए रियास ने कहा कि मास्टर प्लान राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन के योगदान को मौजूदा 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने सहित मामलों पर नीतियां और सुझाव देगा। वर्ष 2024 में केरल पर्यटन का मुख्य ध्यान बड़े पैमाने पर निजी निवेश का लाभ उठाना होगा, रियास ने कहा कि सरकार अकेले इस लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकती है। पूरे राज्य को पर्यटन से लाभान्वित करने के लिए पर्यटन क्षेत्र में तेजी से विकेंद्रीकरण भी अपरिहार्य है।

रियास ने कहा कि 16 नवंबर को होने वाली दो दिवसीय पर्यटन निवेशक बैठक उस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है और यह निवेशकों के साथ नए विचारों और अवसरों पर चर्चा करने के लिए एक स्थल के रूप में भी काम करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमें पर्यटन क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ाना होगा, जहां सहकारी क्षेत्र और व्यक्ति भी सरकार के साथ साझेदारी कर सकें। वागामोन में ग्लास ब्रिज पीपीपी मॉडल का एक उदाहरण है। अभी भी, हमें पीपीपी मॉडल की क्षमता का पूरी तरह से उपयोग करना बाकी है।‘’ उन्होंने बताया कि हेली पर्यटन और क्रूज पर्यटन को अगले साल निजी खिलाड़यिों के साथ साझेदारी में विकसित किया जाएगा। इसके अलावा, चालियार नदी पर पुनर्निर्मित 132 साल पुराने फेरोक ब्रिज को 2024 में समर्पित किया जाएगा।अलुवा में एक और पुल पर काम 2024 में शुरू होगा। ये सभी परियोजनाएं सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के सहयोग से कार्यान्वित की जा रही हैं। पर्यटन विकास के अभिनव‘केरल मॉडल’ने स्थिरता और समावेशिता पर जोर देने के कारण पूरी दुनिया के लिए एक मॉडल स्थापित किया है।

उन्होंने वायनाड की प्रगति का हवाला देते हुए कहा कि प्री-कोविड युग के दौरान, लगभग 11,43,710 घरेलू पर्यटक वायनाड आए थे जबकि 2022 में उनकी संख्या बढ़कर 150,9207 हो गई। डीटीपीसी के तहत पर्यटन केंद्रों में, पूर्व-कोविड घरेलू पर्यटकों की संख्या 11,84,526 थी और राजस्व 79,98,719 रुपये था। 2022-23 में, घरेलू पर्यटकों की संख्या 24,34,756 है और राजस्व 12,213,79,45 रुपये है। पर्यटन सचिव बीजू के ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 10 प्रतिशत का योगदान देता है और इस क्षेत्र में कुल रोजगार सृजन लगभग 15 लाख है। सेक्टर की शानदार वृद्धि के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि 2022 में सेक्टर से कुल राजस्व 35,168.42 करोड़ रुपये था, जबकि 2022 में विदेशी मुद्रा आय 2,792.42 करोड़ रुपये थी और इसी अवधि में घरेलू पर्यटकों से प्रत्यक्ष कमाई 24,588.96 करोड़ रुपये थी। राज्य योजना बोर्ड के सदस्य संतोष जॉर्ज कुलंगारा ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में प्रत्येक गांव और प्रत्येक व्यक्ति को पर्यटन का उपभोक्ता बनाकर परियोजनाएं होनी चाहिए।

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