आइजोलः मिजोरम के मुख्यमंत्री एवं सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के अध्यक्ष जोरमथांगा ने शुक्रवार को विश्वास जताया कि उनकी पार्टी सत्ता बरकरार रखेगी और आगामी विधानसभा चुनाव में 25 से अधिक सीट जीतेगी। जोरमथांगा ने आइजोल पूर्वी-1 सीट से अपना नामांकन दाखिल करने के बाद पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस के बजाय मुख्य विपक्षी दल जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) एमएनएफ के लिए संभावित खतरा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम मिजोरम में सत्ता बरकरार रखने को लेकर आशान्वित हैं और 25 से अधिक सीट हासिल करेंगे। कई बाधाओं के बावजूद पिछले पांच वर्ष में लोगों ने हमारे कार्यों की सराहना की है।’’
मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए सात नवंबर को एक ही चरण में चुनाव होगा और मतगणना तीन दिसंबर को होगी। वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, जोरमथांगा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी,जेडपीएम सर्मिथत निर्दलीय उम्मीदवार के. सपडांगा को 2,504 मतों के अंतर से हराकर आइजोल पूर्वी-1 सीट पर जीत दर्ज की थी। एमएनएफ प्रमुख ने विश्वास जताया कि वह अपनी सीट बरकरार रखेंगे और पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में अधिक मतों के अंतर से जीतेंगे।
उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस आरोप को खारिज करते हुए कि एमएनएफ और जेडपीएम दोनों ‘‘मिजोरम में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रवेश के साधन हैं’’, उन्होंने दावा किया कि एमएनएफ का आरएसएस के साथ कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि एमएनएफ केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से जुड़ा हुआ है क्योंकि वह ‘‘कांग्रेस के साथ काम नहीं करना चाहता’’। एमएनएफ अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी विचारधारा के मामले में भाजपा से पूरी तरह से अलग है। नवंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में एमएनएफ ने 26 सीट पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद पार्टी ने दो विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की थी जिससे उसकी सीट की कुल संख्या बढक़र 28 हो गई थी।