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मोदी ने भरी तेजस में उड़ान , बोले..आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में किसी से कम नहीं है भारत

बेंगलुरू: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को यहां स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में सफलतापूर्वक उड़ान भरी । रक्षा क्षेत्र के महत्वपूर्ण सार्वजनिक उपक्रम हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के दौरे पर आये मोदी ने वायु सेना के पायलट के साथ एचएएल के हवाई अड्डे से लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। लड़ाकू विमान में सफल उड़ान के.

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बेंगलुरू: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को यहां स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में सफलतापूर्वक उड़ान भरी । रक्षा क्षेत्र के महत्वपूर्ण सार्वजनिक उपक्रम हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के दौरे पर आये मोदी ने वायु सेना के पायलट के साथ एचएएल के हवाई अड्डे से लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। लड़ाकू विमान में सफल उड़ान के बाद उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “ मैं आज तेजस में उड़ान भरते हुए अत्यंत गर्व के साथ कह सकता हूं कि हमारी मेहनत और लगन के कारण हम आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में विश्व में किसी से कम नहीं हैं। भारतीय वायुसेना, डीआरडीओ और एचएएल के साथ ही समस्त भारतवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।”

तेजस विमान मोदी सरकार की रक्षा तैयारियों को बढ़ाने और स्वदेशीकरण के लिए उठाये गयेे बड़े कदम के तहत देश में ही बनाया गया है। तेजस के पहले संस्करण को 2016 में वायु सेना में शामिल किया गया था। अभी वायु सेना के दो स्क्वाड्रनों 45 स्क्वाड्रन और 18 स्क्वाड्रन तेजस को शामिल किया गया है। सरकार ने एचएएल को 83 एलसीए एमके 1ए विमानों का आर्डर दिया है जिस पर 36,468 करोड़ रुपये की लागत आयेगी। इन विमानों की आपूर्ति फरवरी 2024 तक शुरू हो जायेगी।

सरकार ने एलसीए तेजस के उन्नत और अधिक घातक संस्करण एलसीए एमके 2 के विकास के लिए 9000 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी है। इस विमान के लिए देश में ही अत्याधुनिक इंजन बनाने के लिए प्रधानमंत्री की गत जून में अमेरिका यात्रा के दौरान प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस के साथ बातचीत की गई है जो अंतिम चरण में है। इस संबंध में एचएएल ने जी ई एरोस्पेस के साथ एक समझौता भी किया है।

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