नासा का मार्स हेलिकॉप्टर मंगल पर नई उड़ान भरने का करेगा प्रयास करेगा

लॉस एंजिल्स: अमेरिकी अंतरिक्ष संस्थान नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) अपना मार्स हेलीकॉप्टर को इस सप्ताह मंगल ग्रह (लाल ग्रह) भेजने की योजना बना रहा है। नासा ने बुधवार को यह जानकारी दी। नासा ने बताया कि लाल ग्रह की 63वीं नई उड़ान 19 अक्टूबर से पहले निर्धारित नहीं है। नासा ने उम्मीद जतायी.

लॉस एंजिल्स: अमेरिकी अंतरिक्ष संस्थान नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) अपना मार्स हेलीकॉप्टर को इस सप्ताह मंगल ग्रह (लाल ग्रह) भेजने की योजना बना रहा है। नासा ने बुधवार को यह जानकारी दी। नासा ने बताया कि लाल ग्रह की 63वीं नई उड़ान 19 अक्टूबर से पहले निर्धारित नहीं है। नासा ने उम्मीद जतायी है कि उसका मार्स हेलिकॉप्टर लाल ग्रह में एक नए हवाई क्षेत्र में खुद को स्थापित करने के लिए 137 सेकंड के लिए लगभग 574 मीटर की उड़ान भरेगा। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक अब तक हेलीकॉप्टर ने 62 उडानें भरी है और मंगल ग्रह पर कुल 113 मिनट के समय में 13.9 किलोमीटर की कुल दूरी तय की है।

नासा के मुताबिक इन्जनूइटी नाम का हेलिकॉप्टर 18 फरवरी, 2021 को मंगल ग्रह के जेज़ेरो क्रेटर पर पहुंचा, जो नासा के पर्सवीरेंस रोवर के बेली से जुड़ा हुआ था। यह पहली बार किसी अन्य ग्रह पर संचालित उड़ान का परीक्षण करने के लिए एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन है। नासा के अनुसार हेलिकॉप्टर को एक बार में लगभग 300 मीटर की दूरी और जमीन से लगभग तीन से 4.5 मीटर की दूरी तक 90 सेकंड तक उड़ान भरने के लिए डिज़ाइन किया गया था।नासा का मंगल ग्रह पर पर्सीवरेंस का एक बड़ा लक्ष्य खगोल जीव विज्ञान के बारे में सीखना है, जो प्राचीन छोटे जीवन रूपों के संकेत खोजने के बारे में है। नासा ने बताया वो ऐसे चीजों की तलाश कर रहे हैं जो केवल जीवत चीजों द्वारा बनायी जा सकती है। अब तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि लाल ग्रह पर जीवन मौजूद था, लेकिन छिपी हुई गुफाओं में या सतह के बहुत नीचे सरल जीवन रूप रहे होंगे। वैज्ञानिक यह भी सोचते है कि एन्सेलेड्स ओर यूरोप के महासागरों जैसे स्थानों में जीवन की संभावना हो सकती है। जो मंगल से भी दूर अंतरिक्ष में अन्य ग्रहों के रूप में है।

 

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