निर्मला ने पंचायत स्तर पर महिलाओं के लिए 33 आरक्षण लाने का श्रेय नरसिम्हा राव को दिया

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को पंचायत स्तर पर 33 प्रतिशत आरक्षण लाने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव सरकार को दिया। उन्होंने कहा कि यह नारी शक्ति वंदन अधिनियम वास्तव में बहुत सोच-समझकर तैयार किया गया है, यह देखते हुए कि हम अपनी विकास प्रक्रिया के बहुत महत्वपूर्ण चरण में.

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को पंचायत स्तर पर 33 प्रतिशत आरक्षण लाने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव सरकार को दिया। उन्होंने कहा कि यह नारी शक्ति वंदन अधिनियम वास्तव में बहुत सोच-समझकर तैयार किया गया है, यह देखते हुए कि हम अपनी विकास प्रक्रिया के बहुत महत्वपूर्ण चरण में हैं।

उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हम आम सहमति बनाएं और महिलाओं के आर्थकि और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए तैयारी करें। निर्मला ने विधेयक पर राज्यसभा में कहा : ‘मैं पंचायत स्तर पर 33 प्रतिशत आरक्षण लाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार को श्रेय देना चाहती हूं। परिणामस्वरूप, हमने पंचायत स्तर पर एक जमीनी स्तर पर देखा है जहां आरक्षण बढ़ाया गया है। कई पंचायतों में 50 प्रतिशत तक महिलाओं का योगदान दर्शाता है।‘

उन्होंने कहा कि ‘कोई बिल प्रतीक्षा में नहीं है।‘ वित्तमंत्री ने कहा कि जो विधेयक 2010 में राज्यसभा में पारित हुआ था, वह भी बाद में समाप्त हो गया। उन्होंने कहा, ‘कोई भी विधेयक प्रतीक्षा में नहीं है। लोकसभा के विघटन के साथ वह विधेयक जो राज्यसभा में पारित हो गया था और स्वाभाविक रूप से 2010 में लोकसभा में प्रेषित किया गया था, वह भी समाप्त हो गया।‘ उन्होंने यह भी कहा कि महिला कोटा बिल का प्रस्ताव पहली बार नहीं किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘इस विधेयक को पारित कराने के लिए अतीत में चार ऐसे गंभीर प्रयास किए गए हैं।‘उन्होंने कहा कि इस विधेयक को पारित कराने के लिए सबसे पहले 1996 में, फिर 1998 में, फिर 1999 में और सबसे हाल में 2008 में प्रयास किया गया।निर्मला ने आगे कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की संख्या की पहचान करने के लिए परिसीमन की कवायद की जाएगी।निर्मला ने कहा, ’आरक्षण लागू होने के 15 साल बाद खत्म हो जाएगा।’

वित्तमंत्री ने कहा, ‘जहां तक महिलाओं के लिए प्रस्तावित आरक्षण लागू करने की बात है..विधेयक के अधिनियमित होने के बाद पहले जनगणना होती है और उस जनगणना के प्रासंगिक आंकड़े प्रकाशित किए जाते हैं, तब नए सिरे से परिसीमन की कवायद की जाती है..।’उन्होंने यह भी कहा कि बिल काफी समय से लंबित था।लंबित विधेयक को लाने में साढ़े नौ साल क्यों लगे, इस सवाल पर सरकार का बचाव करते हुए कि उन्होंने कहा, ‘यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि हम महिलाओं के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए हमने कई कार्यक्रम चलाए। घर और शौचालय प्रदान कर महिलाओं को सम्मान दिया। यह आरक्षण लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण प्रदान करेगा।‘

उन्होंने कहा, ‘महिलाओं से संबंधित मामलों में हम (भाजपा) कोई राजनीति नहीं करते। यह पीएम के लिए विश्वास का विषय है और इसलिए हम वह सब कुछ करते हैं, चाहे वह अनुच्छेद 370 हो, ट्रिपल तलाक हो या महिला आरक्षण बिल हो।‘ ।निर्मला ने आगे कहा कि भाजपा लगातार महिला आरक्षण की समर्थक रही है।

 

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