राष्ट्रपति मुमरू ने गोवा में ‘बैसिलिका ऑफ बोम जीसस’ का दौरा किया

पणजी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुमरू बृहस्पतिवार को गोवा की अपनी यात्र के तीसरे दिन पुराने गोवा में ‘बैसिलिका ऑफ बोम जीसस’ गिरजाघर पहुंचीं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। उत्तर गोवा जिले में स्थित इस गिरजाघर में सेंट फ्रांसिस जेवियर के अवशेष हैं और इसे संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी ‘संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञनिक.

पणजी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुमरू बृहस्पतिवार को गोवा की अपनी यात्र के तीसरे दिन पुराने गोवा में ‘बैसिलिका ऑफ बोम जीसस’ गिरजाघर पहुंचीं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। उत्तर गोवा जिले में स्थित इस गिरजाघर में सेंट फ्रांसिस जेवियर के अवशेष हैं और इसे संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी ‘संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञनिक और सांस्कृतिक संगठन’ (यूनेस्को) ने विश्व धरोहर में शामिल किया है।अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति मुमरू सुबह करीब साढ़े 10 बजे बैसिलिका ऑफ बोम जीसस पहुंचीं और गिरजाघर के आस-पास का जायजा लिया।
 अधिकारी ने कहा, ‘‘उन्होंने इस स्थान के ऐतिहासिक और वास्तुकला के महत्व के बारे में जानकारी ली।’’  मुमरू दिल्ली रवाना होने से पहले यहां श्री शांतादुर्ग मंदिर और श्री महालसा मंदिर में भी दर्शन करेंगी।राष्ट्रपति ने बुधवार को यहां राज्य विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया और मानवता की दिशा में अपनी जिम्मेदारियों का समान रूप से निर्वहन करते हुए 2040 तक एक ‘‘आत्मनिर्भर’’ भारत के निर्माण का आह्वान किया। उन्होंने कल ही यहां राजभवन में गोवा विश्वविद्यालय के 34वें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया और कृत्रिम मेधा तथा डाटा विज्ञन में देश के उच्च शिक्षण संस्थानों की तरह ही क्षेत्र में विश्वस्तरीय संस्थान विकसित करने की आवशय़कता पर जोर दिया। राष्ट्रपति ने मंगलवार को यहां राजभवन में एक नागरिक अभिनंदन समारोह में हिस्सा लिया जहां उन्होंने गोवा में ‘‘समान नागरिक संहिता’’ की प्रशंसा की और कहा कि यह राज्य के लिए गौरव की बात है तथा देश के लिए एक अच्छा उदाहरण है।
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