छत्तीसगढ में राजनीतिक उद्देश्य से हो रही है छापेमारी: Bhupesh Baghel

नयी दिल्ली: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कोई घोटाला नहीं हुआ है और वहां सिर्फ राजनीतिक कारणों से छापेमारी की जा रही है, जिसका मकसद सरकार को दबाने और बदनाम करने की कोशिश है। बघेल ने गुरुवार को यहां कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि छत्तीसगढ में प्रवर्तन निदेशालय.

नयी दिल्ली: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कोई घोटाला नहीं हुआ है और वहां सिर्फ राजनीतिक कारणों से छापेमारी की जा रही है, जिसका मकसद सरकार को दबाने और बदनाम करने की कोशिश है। बघेल ने गुरुवार को यहां कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि छत्तीसगढ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग (आईटी) की छापेमारी राजनीतिक है और उनकी कार्रवाई राजनीति उद्देश्य के लिए की जा रही है। इस तरह की छापेमारी करके लोगों को परेशान कर डराया तथा धमकाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा, “कल ही छापामार दल के लोग मेरे राजनीतिक सलाहकार और ओएसडी के घर पर पहुंच गये, लेकिन मिला कुछ नहीं और लोगों को सिर्फ घर में बंधक बनाकर परेशान करते रहे। ऐसा लगता है कि आयकर विभाग और ईडी चुनाव लड़ेगी।”

बघेल ने छापेमारी को लेकर विवरण देते हुए कहा, “छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले आयकर विभाग के 250 लोगों की टीम छापा मारती है। ईडी की टीम आती है तो आयकर विभाग की टीम जाती है, आयकर विभाग की टीम आती है तो ईडी की टीम जाती है। हमारे यहां यही क्रम चल रहा है। ईडी करती क्या है। ईडी के लोग घरों में जाते हैं, मोबाइल जब्त करते हैं, ज्वैलरी-कैश एवं बैंक खाते सीज करते हैं। फिर पूरे परिवार को कई दिनों तक बंधक बनाकर रखते हैं और राजनीतिक सवाल पूछते हैं। पहले आयकर वालों ने छापा डाला, फिर ईडी की एंट्री हुई। इनका उद्देश्य सिर्फ सरकार को बदनाम करना है।”

उन्होंने कहा कि ईडी और आईटी की छापेमारी राजनीतक लाभ अर्जित करने के लिए की जा रही है और लोगों को बेवजह परेशान तथा प्रताड़ित किया जा रहा है। ईडी और आयकर के लोग घरों में जाकर लोगों को धमका रहे हैं और उल्टे सीधे कागजों पर दस्तखत करवाकर डरा रहे हैं। डराने और धमकाने की कार्रवाई की जा रही है और छापेमारी के नाम पर मनमर्जी चल रही है। वहां जिस तरह से करवाई की जा रही है उसे देखते हुए न्यायालय को लोगों को बेवजह परेशान करने पर रोक लगाने में मदद करनी चाहिए।

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