Electricity Crisis in Rajasthan : राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा है कि प्रदेश में बढता तापमान जनता के लिए बिजली संकट को बढ़ाएगा। जूली ने अपने बयान में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में बिजली की हालत बहुत खराब है और सरकार की कोई तैयारी नहीं है। वह लापरवाह बनी हुई हैं। अपनी विफलता का दोष कांग्रेस सरकार पर मढ़ने के अलावा इस सरकार के पास कोई कार्ययोजना नहीं है।
उन्होंने कहा कि विधान सभा का सत्र चल रहा है और प्रतिपक्ष द्वारा लगातार बिजली पर चर्चा की मांग की जा रही है लेकिन सरकार बहुमत की ताकत पर विपक्ष की आवाज को दबाने का काम कर रही है। सरकार का ध्यान आकर्षित किए जाने के बावजूद सरकार बिजली पर चर्चा नहीं करवाना चाहती है, अपनी कमजोरी और विफलता को छिपाने के लिए सदन से भागने की तैयारी कर चुकी है।
उन्होंने कहा कि हाल में बढ़ते तापमान के कारण प्रदेश में बिजली की मांग तेजी से बढेगी लेकिन मांग के अनुरूप बिजली की उपलब्धता नहीं होने के कारण राजस्थान प्रतिवर्ष बढी हुई कीमत पर दूसरे राज्यों से बिजली खरीदता है। तापमान बढने के साथ ही उर्जा विभाग द्वारा व्यवस्था करने में विफलता के कारण उपभोक्ताओं के लिए विद्युत की कमी हो सकती है, जिससे किसान और घरेलू उपभोक्ताओं के साथ ही औद्योगिक उत्पादन पर भी काफी असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि राजस्थान देश के उन राज्यों की सूची में शामिल है, जहां औद्योगिक श्रेणी की बिजली दर अपेक्षाकृत ज्यादा है। पड़ोसी राज्य गुजरात की तुलना में यहां करीब तीन रूपये यूनिट तक ज्यादा महंगी बिजली मिल रही है। राइजिंग राजस्थान को लेकर अतिउत्साहित होने वाली सरकार को वस्तुस्थिति से रूबरू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कहीं ऐसा न हो कि पड़ोसी राज्यों से महंगी बिजली की वजह से निवेशक मुंह मोड लें। बढती मांग और आपूर्ति के बीच अन्तर बढेगा और बिजली की हाईवोल्टेज डिमाण्ड के बीच फॉल्ट और वोल्टेज की दिक्कतें लोगों को परेशान करेंगी।