दलित,पिछड़ों का हक जातिगत जनगणना से ही संभव: राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना की मांग को दोहराते हुये

रायबरेली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना की मांग को दोहराते हुये कहा कि दलित,पिछड़ा और आदिवासी देश की कुल आबादी में 73 फीसदी होने के बावजूद तंगहाली में जीने को मजबूर हैं। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान रायबरेली के सुपर मार्केट में एक जनसभा को संबोधित करते हुये श्री गांधी ने मंगलवार को कहा कि दलित, पिछड़े और आदिवासियों की जनसंख्या 73 प्रतिशत होने के बावजूद वह अभावग्रस्त हैं। इसलिए जाति के आधार पर जनगणना होनी जरूरी है।

मौजूदा सरकार में असली फायदा पूंजीपति उठा रहे है लेकिन गरीब पिछड़ी दलित और आदिवासी जनता को अपना हक लेना है। गांधी की यात्रा फुरसतगंज से रायबरेली में दाखिल हुई और सन्दी चौराहा, राही, मलिकमऊ चौराहा, सिविल लाइंस डिग्री कालेज होते हुए दोपहर करीब सवा तीन बजे सुपर मार्केट पहुंची। सुपर मार्केट में कांग्रेस नेता ने कहा “ दलित ओबीसी आदिवासी की कुल जनसंख्या का 73 प्रतिशत है और अल्पसंख्यक ईडब्लूएस को मिला कर करीब 90 प्रतिशत की जनसंख्या होने के बावजूद आज इनको नौकरी और एक एक पैसों के लिए भटकना पड़ रहा है।


अयोध्या में राम मंदिर में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि वहां भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके साथी अरबपति उद्योगपति आदि थे मगर भगवान के इस शुभ काज का साक्षी कोई दलित गरीब पिछड़ा नहीं बन सका। उन्होंने कहा कि दलितों,पिछडों और आदिवासी समाज को एकजुट होकर क्रांतिकारी कदम उठाने है जो कि जातीय जनगणना से पूरा होगा। उन्होंने कहा कि आज बड़ी बड़ी प्राइवेट कम्पनियों में पिछड़े दलित और आदिवासी समाज का कोई भी मालिक नही हैं जबकि मनरेगा ,मेहनतकश और दिहाड़ी मजदूरों की लिस्ट निकालो तो उंसमे दलित पिछड़े आदिवासी तथा गरीब मिलेंगें।

- विज्ञापन -

Latest News