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शाह ने 200 करोड़ की लागत से बने यात्री भवन का किया उद्घाटन

सालंगपुर: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को गुजरात में बोटाद जिले के सालंगपुर स्थित श्री कष्टभंजन देव हनुमान जी मंदिर में दर्शन व पूजन कर 200 करोड़ रूपए की लागत से बने 1100 कमरे के यात्री भवन का उद्घाटन किया। शाह ने अपने संबोधन की शुरूआत में सभी देशवासियों को दीपावली.

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सालंगपुर: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को गुजरात में बोटाद जिले के सालंगपुर स्थित श्री कष्टभंजन देव हनुमान जी मंदिर में दर्शन व पूजन कर 200 करोड़ रूपए की लागत से बने 1100 कमरे के यात्री भवन का उद्घाटन किया।

शाह ने अपने संबोधन की शुरूआत में सभी देशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दी और कहा कि यहां एक भव्य यात्री भवन का निर्माण हुआ है। इस यात्री भवन को एक पूर्ण हरित यात्री भवन कहा जा सकता है। यात्री भवन में दूर-दूर से आने वाले लोगों के विश्राम की व्यवस्था की गई है। लगभग 200 करोड़ रूपये की लागत से नौ लाख वर्ग फीट स्थान और 1100 से ज्यादा कमरों वाले इस यात्री भवन का निर्माण दो साल की अल्पावधि में ही संपन्न कर लिया गया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस मंदिर में हनुमान जी महाराज की यह मूर्ति गोपालानंद जी महाराज की भक्ति और शक्ति से स्थापित हुई है। यह स्थान स्वामीनारायण भगवान के प्रसाद का भी स्थान है। इतना समर्पण, सेवा भाव और स्वामीनारायण भगवान के प्रति ऐसी श्रद्धा होने के बाद भी गोपालानंद स्वामी जी बहुत विनम्र हैं और ये बहुत कम लोगों में होती है। यह यात्री भवन आने वाले कई वर्षों तक यात्रियों को आश्रय और दादा के दर्शन का मौका भी देगा।

अमित शाह ने कहा कि हनुमान जी महाराज के गुणों का वर्णन कोई कर नहीं सकता और हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि सात चिरंजीव में से वह एक हैं। तुलसीदास जी ने उनको ज्ञान गुण सागर कहा है। जब एक आदर्श भक्त, आदर्श योद्धा, आदर्श मित्र और एक आदर्श दूत अपनी इन सभी शक्तियों को प्रभु श्री राम के चरणों में समर्पित करता है तब हनुमान जी बन चिरंजीवी होता है।

शाह ने कहा कि यह कष्टभंजन देव हनुमान जी मंदिर युवाओं के लिए आध्यात्म और भक्ति की प्रेरणा का स्थान बनने वाला है। हमारे यहां हनुमान जी की कई प्रतिमाएं हैं और उनके अनेकानेक गुण होते हैं। चौमुखी मूर्ति हो तो शत्रुओं का नाश, संकटमोचन हो तो संकट से मुक्ति, दक्षिणामुखी हो तो भय और परेशानी से मुक्ति, पंचमुखी हो तो अहिरावण यानी दुष्ट वृत्ति से मुक्ति पाने के लिए पूजा होती है, एकादश हो तो राक्षसी वृत्ति से और कष्टभंजन की मूर्ति हो तो शनि समेत सभी कष्टों का भंजन होता है।

शाह ने कहा कि आज सरदार पटेल की 149वीं जन्म जयंती है। उन्होंने एक अखंड और प्रचंड शक्तिशाली भारत के निर्माण का संकल्प किया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सरदार साहब की 150वीं जयंती को दो साल तक मनाने का निर्णय, सरदार साहब के विचार व सिद्धांत के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ युवाओं को देश के प्रति निष्ठा व त्याग की प्रेरणा देगा।

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