Siddaramaiah ने Rahul को बताया PM पद का चेहरा, Karnataka Congress में अंदरूनी कलह की संभावना

बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के इस बयान पर कि राहुल गांधी देश का नेतृत्व कर रहे हैं और अगले साल लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री बनेंगे, राज्य कांग्रेस में आंतरिक कलह शुरू होने की संभावना है। सूत्रों ने गुरुवार को यह बात कही। सिद्दारमैया ने गुरुवार को बेंगलुरु के भारत जोड़ो सभागार में पार्टी.

बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के इस बयान पर कि राहुल गांधी देश का नेतृत्व कर रहे हैं और अगले साल लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री बनेंगे, राज्य कांग्रेस में आंतरिक कलह शुरू होने की संभावना है। सूत्रों ने गुरुवार को यह बात कही। सिद्दारमैया ने गुरुवार को बेंगलुरु के भारत जोड़ो सभागार में पार्टी के 139वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए यह बयान दिया।

सूत्रों ने कहा कि उनके इस बयान से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सिद्दारमैया के बीच दरार पैदा हो सकती है। गौरतलब है कि हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खड़गे का नाम पीएम चेहरे के रूप में प्रस्तावित किया था। सिद्दारमैया ने कहा था, ‘ममता बनर्जी ने उनका (खड़गे का) नाम सुझाया था… यह देखना होगा कि इंडिया गठबंधन किसे अपना पीएम बनाता है।‘

कांग्रेस अध्यक्ष का नाम पीएम चेहरे के रूप में प्रस्तावित किए जाने पर टिप्पणी करते हुए कर्नाटक के मंत्री और मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने सवाल किया कि चर्चा हमेशा समुदाय विशेष के इर्द-गिर्द क्यों घूमती है, क्या दलितों की दक्षता पर विचार नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह बयान उन सवालों के जवाब में दिया, जिसमें पूछा गया था कि क्या खड़गे जैसे वरिष्ठ दलित नेता का नाम आगामी लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को फायदा पहुंचाने के लिए आगे बढ़ाया गया है।

प्रियांक खड़गे ने कहा कि जब भी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में चर्चा होती है, तो वे समुदाय पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उन्होंने पूछा, ‘‘क्या आप उन समुदायों में दक्षता नहीं देखेंगे, जिनका आप उल्लेख कर रहे हैं? क्या वे केवल उन समुदायों के नाम पर चुने जाएंगे, जिनसे वे आते हैं।’ सूत्रों ने बताया कि सिद्दारमैया द्वारा पीएम पद के लिए खड़गे की उम्मीदवारी के प्रस्ताव का पूरे दिल से समर्थन नहीं करने पर पहले से ही सवाल उठ रहे हैं।

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