अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर में की गयी रथों की विशेष पूजा

रथयात्रा की तैयारी परंपरागत रूप से अक्षय तृतीया से शुरू हो जाती है। अक्षय तृतीया के दिन की जाने वाली इस पूजा को चंदन यात्रा कहा जाता है

अहमदाबाद: गुजरात में अहमदाबाद शहर के ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ मंदिर में आयोजित रथ-पूजन, चंदन यात्रा और अक्षय तृतीया उत्सव में शुक्रवार को रथों की विशेष पूजा की गयी।

भगवान जगन्नाथ की 147वीं रथयात्रा से पहले पारंपरिक तौर पर आयोजित रथ पूजन, चंदनयात्रा और अक्षय तृतीया उत्सव आज मंदिर के न्यासी महेन्द्रभाई झा और महामंडलेश्वर महंत दिलीप दास की उपस्थिति में संपन्न हुआ। झा और दिलीप दास महाराज ने संतों और भक्तों की उपस्थिति में भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के तीनों रथों की यह विशेष पूजा विधि-विधान से की। हर साल अहमदाबाद के जमालपुर स्थित मंदिर परिसर में भगवान जगन्नाथजी की रथयात्रा से पहले अखात्रीज यानी अक्षय त्रितीया के दिन यह उत्सव आयोजित कर रथ यात्रा की पहली पूजा की जाती है। राज्य के गांधीनगर के अडालज स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में भी आज रथ गठन की विशेष पूजा की गयी।

रथयात्रा की तैयारी परंपरागत रूप से अक्षय तृतीया से शुरू हो जाती है। अक्षय तृतीया के दिन की जाने वाली इस पूजा को चंदन यात्रा कहा जाता है, जिसमें मंदिर के तीनों रथों की औपचारिक रूप से पूजा की जाती है। इस पूजा में आज बड़ी संख्या में लोग शामिल हुये। अक्षय तृतीया में आयोजित पूजा के बाद मंदिर में रथयात्रा की तैयारी शुरू हो गयी। आज से भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के तीनों रथों का निर्माण काम शुरू हो गया है। हर आषाढ़ महीने की द्वितिया तिथि आषाढ़ी बीज के दिन भगवान जगन्नाथ भक्तों को दर्शन देने के लिये एक नये रथ में निकलते हैं। 147वीं रथयात्रा इस वर्ष आषाढ़ महीने की द्वितिया तिथि सात जुलाई को है। रथयात्रा से पहले जलयात्रा का आयोजन 22 जून को मंदिर में होगा।

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