Sukesh का आरोप : मेडिकल फर्म ने गोवा चुनाव के लिए AAP को 13 करोड़ रुपये दिए, फर्म ने किया इनकार

नई दिल्ली: जेल में बंद ठग सुकेश चंद्रशेखर ने दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्ज़्येंद्र जैन पर एक निजी कंपनी को मेडिकल ठेका देने के लिए नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। कंपनी ने इस दावे को ‘बेबुनियाद‘ बताया है। चंद्रशेखर ने आरोप लगाया कि.

नई दिल्ली: जेल में बंद ठग सुकेश चंद्रशेखर ने दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्ज़्येंद्र जैन पर एक निजी कंपनी को मेडिकल ठेका देने के लिए नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। कंपनी ने इस दावे को ‘बेबुनियाद‘ बताया है। चंद्रशेखर ने आरोप लगाया कि गोवा चुनाव के लिए निजी कंपनी ने आप को 13 करोड़ रुपये दिए थे। उपराज्यपाल को लिखे पत्र में उसने कहा, ‘दिल्ली में केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली सरकार के तहत विभिन्न अस्पतालों के रक्त और अन्य बायोसैंपलों को संसाधित करने के लिए एक निजी फर्म, मेट्रोपोलिस लेबोरेटरी और पैथोलॉजी सेंटर्स को कई चिकित्सा अनुबंध दिए हैं, मुख्य रूप से सभी दिल्ली जेल कैदियों के लिए।‘उसने आगे लिखा है, ‘इस आवेदन/शिकायत को दर्ज करने का कारण यह है कि पिछले गोवा चुनावों के दौरान मेरे कर्मचारियों ने मुझे बताया कि सत्ज़्येंद्र जैन के निर्देश पर मुंबई में मेट्रोपोलिस लैब्स के कार्यालय से तीन किस्ज़्तों में 13 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।

‘आरोप से इनकार करते हुए मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड के एक प्रवक्ता ने कहा : ‘आरोप निराधार और दुर्भावनापूर्ण है। हमारा इस व्यक्ति या किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है।‘चंद्रशेखर ने आगे आरोप लगाया था कि फेसटाइम चैट में से एक में जैन और केजरीवाल ने उल्लेख किया था कि मेट्रोपोलिस के निदेशक एक करीबी दोस्त हैं और वह धन का योगदान कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने कंपनी की मदद की है, और यह राशि मुंबई से एकत्र की जानी चाहिए और गोवा और बेंगलुरु भेजी जानी चाहिए। चंद्रशेखर ने अपने पत्र में दावा किया, ‘इसके बाद मेरे स्टाफ ने मुंबई में मेट्रोपोलिस के कार्यालय से 7-8 घंटों में दो किस्ज़्तों में 13 करोड़ रुपये की राशि एकत्र की और जैन द्वारा लगातार समन्वय किया गया। 13 करोड़ रुपये में से 5 करोड़ रुपये जैन के चचेरे भाई डॉ. हिमेश को भेजे गए थे, जो बेंगलुरु के इंद्रानगर में रहते हैं। 8 करोड़ रुपये की शेष राशि गोवा भेजी गई थी, जिसे अज्ञात व्यक्तियों द्वारा एकत्र किया गया था, जिसका विवरण जैन द्वारा भेजा गया था।

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