चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला बढ़ती तानाशाही को कड़ा संदेश : Arvind Kejriwal

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनतंत्र और स्वायत्त संस्थाओं की निष्पक्षता को बचाने

नयी दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनतंत्र और स्वायत्त संस्थाओं की निष्पक्षता को बचाने का आह्वान करते हुए बुधवार को कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले ने देश में बढ़ती तानाशाही को कड़ा संदेश दिया है।
श्री केजरीवाल ने आज विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सदन में कहा,“ देश में चारों तरफ अधर्म का बोलबाला है। चारों तरफ इतना अधर्म का बोलाबाला कि लोग आपस में चर्चा करने लगे हैं कि अब ईमानदारी-सच्चाई के रास्ते पर चलने से कोई फायदा नहीं है।

देश में बहुत बड़े स्तर पर इतने इतने बड़े-बड़े षड्यंत्र और कुकर्म चल रहे हैं। पचहत्तर साल बाद इस देश के गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा और अच्छा भविष्य उम्मीद देने वाला मनीष सिसोदिया आज जेल के अंदर है, धर्म जेल के अंदर है और हमारे देश की मां-बेटियों को छेड़ने वाला बृजभूषण सिंह सत्ता का सुख भोग रहा है। आज इस देश में मोहल्ला क्लीनिक बनाने और गरीबों को दवाइयां दिलवाने वाला सत्येंद्र जैन जेल के अंदर है।

ये लोग हिमंता बिश्वा शर्मा, सुभेंदु अधिकारी, मुकुल राय, नारायण राणे, भावना गावली, अशोक चौहान, यशवंत जादव, यामिनी जादव, छगन भुजबल, अजीत पवार, प्रफुल्ल पटेल, गोपाल कांडा समेत देश के अनगिनत सबसे बड़े कुकर्मी और भ्रष्टाचारियों चुन-चुन कर अपनी पार्टी में शामिल करा रहे हैं और वह सत्ता का सुख भोग रहे हैं। ईमानदार लोग जेल के अंदर हैं। आज चारों तरफ इतना ज्यादा अधर्म का बोलबाला हो गया है कि खुलेआम विधायक खरीदे जा रहे हैं।”


उन्होंने कहा,“ चंडीगढ़ के अंदर इनके अधिकारी ने वोट में गड़बड़ी करके भारी बहुमत से जीतने वाले व्यक्ति को हरा दिया और हारने वाले व्यक्ति को जिता दिया। पाकिस्तान के अंदर भी रावल पिंडी के उस इलेक्शन कमिश्नर की आत्मा जाग गई, जिसने कहा कि हमने भारी बहुमत से उन लोगों को हरा दिया, जो भारी बहुमत से जीत रहे थे और उनको जिता दिया, जो हार रहे थे। इन लोगों ने तो भारत को पाकिस्तान बना दिया है। पचहत्तर साल में इस देश के 140 करोड लोगों ने कड़ी मेहनत करके जो हासिल किया था, इन लोगों ने एक झटके में सब कुछ खत्म कर दिया।”

केजरीवाल ने कहा,“ ये लोग खुलेआम कह रहे हैं कि हम तो 370 सीट जीत रहे हैं। इनके कहने का मतलब यह है कि इनको देश के 140 करोड लोगों की जरूरत नहीं है। देश के लोग देख रहे हैं कि इतने बड़े स्तर पर चारों तरफ अधर्म ही अधर्म हो गया है। देश में विपक्ष की सरकारें काम करना चाहती हैं, लेकिन ये लोग उसको काम करने नहीं देते हैं। इससे बड़ा अधर्म और क्या होगा कि इन्हांने सरकारी अस्पतालों में मिलने वाली गरीबों की दवाइयां रोक दी, टेस्ट रोक दिए गए और गरीबों को मरने के लिए सड़कों पर बेहाल छोड़ दिया गया।”

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