कोलकाता/भुवनेश्वर : ओडिशा के सिमिलिपाल बाघ अभ्यारण से भटकी बाघिन को पश्चिम बंगाल के Purulia जिले में देखा गया है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। पश्चिम बंगाल के मुख्य वन्यजीव वार्डन देबल रॉय ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि महाराष्ट्र से सिमिलिपाल बाघ अभ्यारण में लाई गई तीन वर्षीय बाघिन को ‘रेडियो कॉलर’ (जानवरों की गतिविधियों पर नजर रखने वाला उपकरण) लगाया गया है और फिलहाल वह पुरुलिया जिले के बंदवान इलाके में है। इससे पहले बाघिन पड़ोसी राज्य झारखंड से पश्चिम बंगाल पहुंची थी और झारग्राम तथा पश्चिम मेदिनीपुर जिले में घूमते हुए देखी गई थी। यह सभी जंगलमहल क्षेत्र के वन क्षेत्र हैं। सिमिलिपाल से एक और बाघिन भटक गई थी थी और उसे तीन पड़ोसी राज्यों के वन्य गलियारे में देखा गया था। रॉय से जब पूछा गया कि क्या उक्त बाघिन अपने स्थान पर लौट गई है तो उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास दो बाघिनों के सिमिलिपाल से भागकर पश्चिम बंगाल के वन क्षेत्र में जाने की कोई सूचना नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें सिमिलीपाल से निकलकर झारखंड में घुसने और अब हमारे राज्य में घुसने वाली एक बाघिन के बारे में जानकारी है। हमारे लोग उसकी हरकतों पर लगातार नजर रख रहे हैं।’’
नए क्षेत्र की तलाश में कई किलोमीटर तक भटकते हैं
रॉय ने कहा कि ओडिशा के वनकर्मी भी बंगाल के अपने समकक्षों के साथ मिलकर बाघिन की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। वन विभाग के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि ओडिशा के सिमिलिपाल से भटकने के बाद बाघिन ने कम से कम 50 किलोमीटर की दूरी तय की थी, लेकिन बाघों के लिए ऐसा व्यवहार सामान्य है जो नए क्षेत्र की तलाश में कई किलोमीटर तक भटकते हैं। राज्य के वरिष्ठ वन अधिकारी ने बताया, ‘‘संभवत? पड़ोसी राज्यों के वन क्षेत्र बाघिन के लिए गलियारा बन गए हैं और वह एक नये क्षेत्र में जाने का प्रयास कर रही है। हम उसे उसी रास्ते से सिमिलिपाल ले जाने के लिए काम कर रहे हैं या अगर वह पकड़ी जाती है तो उसे ओडिशा के बाघ अभ्यारण में वापस छोड़ दिया जाएगा।’’