नयी दिल्ली: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां स्थायी नीति का निर्माण नहीं हुआ और पहले भारत को फ्रजाइल फाइव में गिना जाता था लेकिन आज अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएफएम) देश को वैश्विक अर्थव्यवस्था में चमकता केन्द्र कहता है।
अमित शाह ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र में जनता ही तय करती है कि सरकार का नेतृत्व किसके हाथ में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि तुलनात्मक अध्य्यन किए बिना हम सही मूल्यांकन नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि 2014 और 2024 की देश की तुलनात्मक स्थिति देखने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले सभी लोग कहते थे कि हमारे देश को पॉलिसी पैरालिसिस हो गया है, नीतियां नहीं बनती है, लेकिन मोदी जी ने पॉलिसी पैरालिसिस को समाप्त, ढेर सारी नीतियों का सृजन कर, पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस स्थापित करने का काम किया है।
उन्होंने यहां पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 119वें वार्षिक अधिवेशन को “विकसित भारत 2047: उन्नति के शिखर की ओर अग्रसर” विषय पर संबोधित करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हम सबके सामने 2 लक्ष्य रखे हैं – 2047 में जब देश की आज़ादी की शताब्दी मनाई जाएगी उस वक्त भारत एक पूर्ण विकसित राष्ट्र बन जाएगा और 2027 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि इन दोनों लक्ष्यों को सिद्ध करने के लिए मोदी जी पिछले 10 साल से अनेक प्रकार की नीतियों और कार्यक्रमों के माध्यम से प्रयास कर रहे हैं। मोदी जी ने देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास, भारत को दुनिया में मैन्युफेक्चरिंग का हब बनाने, निवेश-फ्रेंडली इकोसिस्टम खड़ा करने, स्किल्ड वर्कफोर्स के निर्माण, शोध और अनुसंधान को बढ़ावा देने, एडवांस्ड कम्प्यूटिंग तकनीक जैसी सभी उभरती तकनीकों में भारत को पायनियर बनाने, डीप-सी, मैरीटाइम इकोनॉमी और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में नई शुरूआत करने के लिए दूरदर्शिता के साथ कई नीतियां बनाई हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने नीतियां भी बनाई हैं और उन पर अमल करने के लिए सतत प्रयास भी किए हैं।
उन्होंने कहा कि आज दुनियाभर के देशों में एक प्रकार से विश्वास का संकट दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी जी पहले मुख्यमंत्री और फिर देश का प्रधानमंत्री बनकर लगातार 23 साल से लोकतांत्रिक तरीके से जनता का विश्वास जीतते आ रहे हैं। शाह ने कहा कि स्थिरता के बिना नीतियों पर अच्छे से अमल नहीं हो सकता और सुरक्षा तथा विकास भी सुनिश्चित नहीं होते। उन्होंने कहा कि स्थिरता ही नीतियों, विचारों और विकास में सततता लाती हैं। श्री शाह ने कहा कि मोदी जी ने 10 साल तक इतने बड़े देश को अनेक समस्याओं से मुक्त किया और वे लगातार तीसरी बार देश का नेतृत्व कर रहे हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में सरकार की नीतियों, योजनाओं और विज़न को ज़मीन पर उतारने और उद्योग जगत की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने का काम चैंबर को करना है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों मे हमने काफी कुछ हासिल किया है। विश्व की सबसे लंबी हाई-वे सुरंग, विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल, मुंबई के विश्वप्रसिद्ध ट्रांस-हार्बर लिंक और कोलकाता की अंडरवाटर मेट्रो जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण पिछले 10 साल में हुआ है। श्री शाह ने कहा कि अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप में समुद्र के नीचे बिछी ऑप्टिकल फाइबर से दूरदराज के इलाकों में कनेक्टिविटी लाकर वहां के व्यापार अवसरों का दोहन करने और सुरक्षा की दृष्टि से भी इन द्वीपों को मजबूत बनाने का काम हुआ है।
शाह ने कहा कि चंद्रमा पर शिवशक्ति पॉइंट पर जब तिरंगा फहराया गया तो उस पर सभी भारतीयों को गर्व है, सागरमाला परियोजना से देश के अविकसित रह सारे क्षेत्रों को जोड़ना, वंदे भारत एक्सप्रेस का जाल बुनकर देश में सुविधापूर्ण यात्रा का एक नया एवेन्यू खोलना। सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग से हमारी ज़रूरतों के साथ पूरे विश्व की जरूरतों को भी पूरा करने की दिशा में आगे जाना, इलेक्ट्रिक वाहनों में एक नई क्रांति लाना, एफडीआई को रिकॉर्ड स्तर पर ले जाकर विश्व में चौथे नंबर का विदेशी मुद्रा भंडार बनना हमारी बहुत बड़ी उपलब्धि है।
शाह ने कहा कि आतंकवाद, बम धमाके, नक्सलवाद इस देश के लिए नासूर बन चुके थे लेकिन आज हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि कश्मीर, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र या पूर्वोत्तर हो, हमने आतंकवाद और उग्रवाद को समाप्त कर दिया है। ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में हम पहले 142 नंबर पर थे आज 63 नंबर पर हैं। उन्होंने कहा कि पूरी बैंकिंग प्रणाली चरमरा गई थी जबकि वर्ष 2023 24 में सरकारी बैंकों को 1.40 लाख करोड़ रूपए का मुनाफा हुआ है। हर क्षेत्र में नई नीतियां आई हैं और उनके आधार पर देश आगे बढ़ा है। अगर देश को आगे बढ़ाना है तो देश की शिक्षा नीति नई होनी चाहिए और मोदी जी नई एजुकेशन पॉलिसी नीति लेकर आए जिसमें हमने अपनी धरोहर को समाहित करते हुए शिक्षा को ग्लोबल बनाया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी, डिजिटल इंडिया, भारतमाला, सागरमाला, पीएम गतिशक्ति, स्टार्टअप इंडिया जैसे कई सारे इनीशिएटिव्स ने चारों दिशाओं में देश को आगे ले जाने का काम किया है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि अब भारत के उद्योगों को अपना साइज और स्केल दोनों बदलने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कंपनियों को ग्लोबल बनाने की ज़रूरत है और विश्वभर में भारत का दबदबा बनाने के लिए हमारे चैंबर्स, उद्योगों को निर्णय लेने चाहिए।