केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वाराणसी में सीएनजी स्टेशन का किया उद्घाटन

वाराणसी में देव दीपावली से पहले केंद्र सरकार ने रविदास घाट पर फ्लोटिंग सीएनजी एमआरयू स्टेशन (Floating CNG MRP station at Ravidas Ghat) की शुरुआत की. फ्लोटिंग सीएनजी मोबाइल रिफ्यूलिंग यूनिट (एमआरयू) से काशी में नदी में चल रही बोट से जल और वायु प्रदूषण रोकने में भी मदद मिलने वाली है. फ्लोटिंग सीएनजी मोबाइल.

वाराणसी में देव दीपावली से पहले केंद्र सरकार ने रविदास घाट पर फ्लोटिंग सीएनजी एमआरयू स्टेशन (Floating CNG MRP station at Ravidas Ghat) की शुरुआत की. फ्लोटिंग सीएनजी मोबाइल रिफ्यूलिंग यूनिट (एमआरयू) से काशी में नदी में चल रही बोट से जल और वायु प्रदूषण रोकने में भी मदद मिलने वाली है.

फ्लोटिंग सीएनजी मोबाइल रिफ्यूलिंग यूनिट से वाराणसी में बोटिंग कर रहे नाविकों को बहुत ही सुविधा मिलने वाली है. इससे पहले वाराणसी नगर निगम और प्रशासन ने नाविकों को पुरानी डीजल से चलने वाली बोट और इंजन वाली नाव को चलाने पर रोक लगा रखी थी. उसके बदले में उन्हें सीएनजी युक्त इंजन चलाने की इजाजत थी. यह फैसला गंगा में फैलने वाले प्रदूषण और वायु प्रदूषण को रोकने के लिए लिया गया था. इसी क्रम में सरकार ने नाविकों को सहूलियत देते हुए नमो घाट पर फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन का निर्माण कराया था।

20 प्रतिशत बायोफ्यूल ब्लेंडिंग की ओर बढ़ रहा देश: रविवार को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी वाराणसी में थे. उन्होंने रविदास घाट पर फ्लोटिंग सीएनजी मोबाइल रिफ्यूलिंग यूनिट का उद्घाटन किया. उन्होंने बताया कि प्रदूषण के खिलाफ हम जो लड़ाई लड़ रहे हैं. इसमें हर कदम जो हम उठाते हैं उससे फायदा होता है. मानकर चलिए कि हमारे देशभर में जो नेचुरल गैस की मिक्सिंग है, वह 6 से 15 प्रतिशत होता है. इससे बहुत लाभ होता है. अगर हम 1.4 प्रतिशत बायोफ्यूल ब्लेंडिंग से हम 20 प्रतिशत की ओर बढ़ रहे हैं. इससे हमें बहुत बड़ा फायदा है. बनारस में जो 32 हजार हाउसहोल्ड्स हैं उनको पीएनजी मिल रहा है. सीएनजी मिल रहा है, 40 हजार लोगों को और मिलेगा.

विश्व में पहला ऐसा सीएनजी स्टेशन: वाराणसी में नमो घाट पर फ्लोटिंग सीएनजी मदर स्टेशन विश्व में पहला ऐसा सीएनजी स्टेशन है, जो दिसंबर 2021 से चालू है. इस स्टेशन की क्षमता लगभग 15,000 किलोग्राम प्रतिदिन सीएनजी की है, जो प्रति दिन लगभग 1000-1500 नौकाओं में सीएनजी भरने में सक्षम है. सीएनजी को नमो घाट से कैस्केड में भरा जाएगा और बोट्स में ईंधन के लिए रविदास घाट तक जल मार्ग से पहुंचाया जाएगा, जो विश्व में इस प्रकार का पहला प्रयास है. इसकी क्षमता 4,000 किलोग्राम प्रति दिन है, जो प्रति दिन 300 से 400 बोट्स को पूरा कर सकती है. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, गेल द्वारा फ्लोटिंग स्टेशनों को लगभग 17.5 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है.

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