नेशनल डेस्क: उत्तराखंड की उत्तरकाशी मंगलवार को भारत माता की जय, जय हो भोले नाथ के जयकारों से उस समय गूंज उठी जब सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 मजदूर सकुशल बाहर निकाल लिए गए। जहां मजदूरों के चेहरों पर खुशी थी वहीं रेस्क्यू टीम ने भी राहत भरी सांस ली कि उनकी दिन-रात की मेहनत आखिर रंग लाई। 17 दिन से मजदूर सुरंग के अंदर जिंदगी की जंग लड़ रह थे। वहीं सुरंग में मजदूर कैसे रह रहे थे इसकी तस्वीरें सामने आई हैं। टनल के भीतर की तस्वीरों में पाइप द्वारा मजदूरों के लिए भेजा गया खाना भी नजर आ रहा है।
वहीं एक मजदूर सोया हुआ नजर आ रहा है। वहीं एक तस्वीर में दिख रहा है कि मजदूर सेल्फी ले रहे हैं। सुरंग से बाहर आने के बाद मजदूरों ने बताया कि वे सभी सुरंग के अंदर पहाड़ी से आ रहे पानी में नहाते थे और वहीं पीते थे। दो दिन तो उन्होंने मुरमुरे खाकर गुजारे में फिर हमें पाइप के जरिए खाना, दवा, बादाम आदि जो कुछ भेजा जाता है वो खाते। मजदूरों बताया कि सुरंग के अंदर काफी स्पेस था, शौच के लिए एक स्थान निर्धारित कर रखा था। वहीं जो खाना हमें मिलता था सारे मजदूर भाई मिलकर एक साथ बैठकर खाते थे। फिर सार रात को सुरंग में सैर करने निकल जाते थे।
सुबह मार्निंग बॉक करते और योग करते थे। बता दें कि केंद्रीय और राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियों ने मजदूरों को बचाने के लिए लगातार युद्धस्तर पर रेस्क्यू चलाया हुआ था। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में विदेशी मशीनों के साथ-साथ विदेशी टनल एक्सपर्ट भी जुटे हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मजदूरों के साहस की तारीफ की कि सभी ने बचाव टीम पर विश्वास रखा और हौसला नहीं छोड़ा। वहीं मजदूरों के परिजनों ने कहा कि इस बार दिवाली पर उनके घर सूने पड़े थे, हम अपनों की चिंता में थे लेकिन अब घर जाकर दिवाली मनाएंगे।