अमरावती : Andhra Pradesh सरकार 28 फरवरी से वैश्विक ई-निविदा और ई-नीलामी के माध्यम से 906 मीट्रिक टन लाल चंदन लकड़ी की नीलामी करेगी। यह नीलामी 21वें चरण के तहत, 28 फरवरी से विभिन्न चक्रों में की जाएगी। पहले दौर की नीलामी 28 फरवरी को होगी जिसके बाद बची हुई लकड़ी को 6, 13 और 20 मार्च को नीलाम किया जाएगा। लाल चंदन की इस लकड़ी को ए, बी और सी श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। सरकार द्वारा सोमवार देर रात जारी आदेश के अनुसार, आंध्र प्रदेश वन विकास निगम लिमिटेड (एपीएफडीसी) के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव की गहन समीक्षा के बाद, सरकार ने नीलामी टीम का गठन किया है। यह टीम नीलामी प्रक्रिया का समन्वय करेगी और उन लॉट्स की पहचान करेगी जिनसे सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त हो सकता है। राज्य सरकार ने चरणबद्ध तरीके से कुल 5,376 मीट्रिक टन लाल चंदन लकड़ी की बिक्री की रूपरेखा तैयार करने के लिए पर्यावरण, वन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के विशेष मुख्य सचिव जी. अनंता रामू की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है।
एमएसटीसी लिमिटेड की सेवाएं लेने की अनुमति
राज्य में सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सरकार ने एपीएफडीसी को नीलामी आयोजित करने के लिए एमएसटीसी लिमिटेड की सेवाएं लेने की अनुमति दी है। वहीं, भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रलय के तहत विदेश व्यापार महानिदेशक ने आंध्र प्रदेश को इस नीलामी के बाद लाल चंदन लकड़ी के निर्यात की मंजूरी दी है। यह लकड़ी पिछले कई वर्षों में जब्त की गई थी।
एपीएफडीसी के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक बिक्री योजना के तहत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों एवं विशेष पत्रिकाओं में निविदा अधिसूचना जारी करेंगे ताकि दुनिया भर से विशेष रूप से चीन से संभावित खरीदारों को आकर्षित किया जा सके। चीनी खरीदारों का ध्यान आकर्षित करने के लिए निविदा अधिसूचना स्थानीय भाषाओं में भी प्रकाशित की जाएंगी। लाल चंदन को चीन में जितान के नाम से जाना जाता है। यह आंध्र प्रदेश के शेषाचलम जंगलों में विशेष रूप से पाई जाने वाली कठोर लकड़ी की एक प्रजाति है जिसका उपयोग मुख्य रूप से फर्नीचर निर्माण में किया जाता है।