Maharashtra Politics News : शिवसेना नेता और विधायक संजय शिरसाट ने महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीति में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी चर्चा-परिचर्चा के बीच कहा कि शिंदे शायद उप मुख्यमंत्री का पद नहीं लेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘पहले शिंदे जी के नेतृत्व को लेकर जो माहौल बना, वह यह था कि उनके ऊपर दबाव डाला जा रहा था कि वे किसी तरह पद हासिल करने के लिए कुछ करें।
लेकिन शिंदे जी ने इसे पूरी तरह से नकारा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत करके साफ कर दिया कि उन्हें कोई पद नहीं चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि वे किसी पर दबाव नहीं डालेंगे और जो भी निर्णय शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा, वह उसे स्वीकार करेंगे।
उनका यह कदम महाराष्ट्र की राजनीति में उनकी ईमानदारी और नेतृत्व के प्रति विश्वास को दिखाता है।’’
शिंदे अपनी ईमानदारी और धर्म को दी प्राथमिकता
‘‘एकनाथ शिंदे अगर चाहें तो ज्यादा दबाव डालकर कुछ भी कर सकते थे, लेकिन उन्होंने अपनी ईमानदारी और धर्म को प्राथमिकता दी। उनका यह रुख उन्हें महाराष्ट्र की राजनीति में एक मजबूत और सम्मानित नेता बनाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शिंदे जी ने कभी भी कोई दावा नहीं किया था। उन्होंने शुरुआत से ही यह स्पष्ट कर दिया था कि वह केवल जो निर्णय दिल्ली के नेताओं से आएगा, उसे स्वीकार करेंगे।’’
पार्टी और राज्य की भलाई के लिए काम करेंगे
‘‘शिंदे जी शायद उपमुख्यमंत्री का पद नहीं लेंगे। उनकी राजनीतिक लाइन यह रही है कि वह किसी पद के लिए संघर्ष नहीं करेंगे, बल्कि पार्टी और राज्य की भलाई के लिए काम करेंगे।’’
उन्होंने शपथ ग्रहण को लेकर कहा, ‘‘शपथ ग्रहण समारोह के बारे में बात की गई, जो कि 2 तारीख को मुंबई में आयोजित होने की संभावना है। इस समारोह में प्रधानमंत्री मोदी और अन्य कई नेताओं के शामिल होने की उम्मीद जताई गई है। भाजपा और शिंदे जी के रिश्ते बहुत अच्छे हैं और उन्हें इस गठबंधन में अपनी जगह मिल चुकी है।’’