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उर्दू किसी एक की नहीं, पूरे हिंदुस्तान की पहचान है : Dr. Irfan Ansari

Urdu Language : झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उर्दू भाषा पर दिए गए बयान की कड़ी निंदा की है। डॉ. अंसारी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ को अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए और अनावश्यक, भड़काऊ टिप्पणियों से बचना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी को चेतावनी.

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Urdu Language : झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उर्दू भाषा पर दिए गए बयान की कड़ी निंदा की है। डॉ. अंसारी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ को अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए और अनावश्यक, भड़काऊ टिप्पणियों से बचना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वे इस तरह की बयानबाजी जारी रखते हैं, तो उन्हें रांची लाकर कांके मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में भर्ती कराना पड़ेगा। मंत्री डॉ. अंसारी ने जोर देकर कहा कि उर्दू किसी जाति या धर्म विशेष की भाषा नहीं है, बल्कि यह सभी समाज को जोड़ने वाली भाषा है।

तुम्हें किसने इतनी हिम्मत दे दी

योगी आदित्यनाथ से अपील की कि वे अपनी हरकतों से बाज आएं और किसी विशेष समुदाय को बार-बार निशाना बनाना बंद करें। उन्होंने कहा, तुम्हें किसने इतनी हिम्मत दे दी कि तुम एक वर्ग को हमेशा टारगेट करते हो? आखिर तुम्हारी मंशा क्या है? स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानसिक संतुलन ठीक नहीं लगता, इसलिए वे समय-समय पर ऐसी भड़काऊ और विभाजनकारी बातें करते हैं।

कैसे ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री चुना

उत्तर प्रदेश की जनता से भी सवाल किया कि कैसे ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री चुना गया, जिसकी राजनीति समाज को तोड़ने पर आधारित है। मंत्री डॉ. अंसारी ने स्पष्ट किया कि यदि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भविष्य में इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी जारी रखी, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने दोहराया कि राजनीति में ऐसे विचारधारा रखने वाले लोगों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में उर्दू भाषा पर अवांछित और आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसे लेकर कई बुद्धिजीवियों और भाषा प्रेमियों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि उर्दू एक समृद्ध, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक भाषा है, जिसे किसी विशेष समुदाय से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

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