जीएसटी कौंसिल की हुई 48वीं मीटिंग, Harpal Cheema ने शिक्षा से संबंधित समान पर GST का किया विरोध

चंडीगढ़: पंजाब वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के द्वारा जीएसटी कौंसिल की 48वीं मीटिंग में हिस्सा लिया। चीमा ने शिक्षा से संबंधित वस्तुओं पर जीएसटी में किसी भी तरह के वृद्धि को विद्यार्थियों के हितों के खिलाफ़ कदम बताते हुये पैंसिल शार्पनरों पर जीएसटी को मौजूदा 12 प्रतिशत.

चंडीगढ़: पंजाब वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के द्वारा जीएसटी कौंसिल की 48वीं मीटिंग में हिस्सा लिया। चीमा ने शिक्षा से संबंधित वस्तुओं पर जीएसटी में किसी भी तरह के वृद्धि को विद्यार्थियों के हितों के खिलाफ़ कदम बताते हुये पैंसिल शार्पनरों पर जीएसटी को मौजूदा 12 प्रतिशत से बढ़ा कर 18 प्रतिशत की स्लैब पर लाने के प्रस्ताव का विरोध किया। पंजाब के वित्त मंत्री की तरफ से उठाए गए इस नुक्ते का कई अन्य राज्यों के नुमायंदों ने भी समर्थन किया, जिसके बाद इस संबंधित फ़ैसला टाल दिया गया।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, जो कि जीएसटी कौंसिल के चेयरपरसन हैं, के नेतृत्व अधीन हुई कौंसिल की मीटिंग के दौरान राज्य और देश दोनों के हितों को पूरा करने वाली फिटमेंट कमेटी की अलग-अलग सिफ़ारिशों पर सहमति जताते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने अहम विचार पेश किये। इसी दौरान पेट्रोल के साथ मिलावट करने के लिए रिफायनरियों को सप्लाई किये जाने वाले इथाइल अल्कोहल के लिए जीएसटी की दरों में तबदीली के बारे एक अन्य सिफ़ारिश का विरोध करते हुये स. चीमा ने कहा कि पेट्रोल के साथ मिलाने के लिए रिफायनरियों को सप्लाई किये जाने वाले इथाइल अल्कोहल के लिए जीएसटी दरों में बदलाव से ई. एन. ए के दुरुपयोग और टैक्स की चोरी को रोकना एक बड़ी चुनौती होगा। उन्होंने इस संबंध में अपनी असहमति ज़ाहिर करते हुये भारत की सर्वोच्च अदालत की तरफ से हाल ही में की गई टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि पंजाब सरकार पहले ही ई. एन. ए के ग़ैर-कानूनी व्यापार के विरुद्ध जंग लड़ रही है।

ई-वे बिलों संबंधी नियम 138 के उप-नियम (14) की धारा (डी) को हटाने संबंधी एक अन्य एजंडे पर असहमत होते हुये पंजाब के वित्त मंत्री ने कहा कि इस कदम से राज्य की अंदरूनी सप्लाई पर ई-वे बिल जारी करने की सीमा निर्धारित करने की शक्ति ख़त्म हो जायेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब की तरफ से पहले ही इस सम्बन्ध में विनती की गई है कि कानूनी संशोधन करते हुये राज्यों को यह शक्ति दी जाये कि वह ऐसी वस्तुएँ जो राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हों, पर अपनी मर्ज़ी अनुसार ई-वे बिल जारी करने की सीमा निर्धारित कर सकें। उन्होंने कहा कि राज्य के राजस्व के नज़रिए से ऐसा करना महत्वपूर्ण होगा। जीएसटी कौंसिल ने इस सम्बन्ध में स्थिति ज्यों का त्यों रखने के लिए सहमति दी।

 

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