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अमृतपाल सिंह और अन्य सिख युवाओं को पंजाब जेल में भेजा जाए : Harjinder Singh Dhami

अमृतपाल सिंह और अन्य सिख युवाओं के मामलों और अमृतसर में पिछले चार दिनों से उनके परिवारों द्वारा की जा रही भूख हड़ताल के संबंध में एडवोकेट धामी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिख कर डिब्रूगढ़ जेल में बंद सिख युवाओं के मानवाधिकार और गोपनीयता संबंधी चिंताओं को सुनिश्चित करने के लिए कहा।

अमृतसरः शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिह धामी ने सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री से मांग की है कि असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और अन्य सिख युवाओं को पंजाब की जेल में स्थानांतरित किया जाए। अमृतपाल सिंह और अन्य सिख युवाओं के मामलों और अमृतसर में पिछले चार दिनों से उनके परिवारों द्वारा की जा रही भूख हड़ताल के संबंध में एडवोकेट धामी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिख कर डिब्रूगढ़ जेल में बंद सिख युवाओं के मानवाधिकार और गोपनीयता संबंधी चिंताओं को सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने यह भी कहा कि इन सिख युवाओं को तुरंत डिब्रूगढ़ से पंजाब जेल में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।

अपने पत्र में एडवोकेट धामी ने कहा कि बंदियों के परिवारों के ध्यान में लाया गया है कि जेल के अंदर सिख युवाओं को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। यह भी बात सामने आ रही है कि उनकी बैरक के अंदर गोपनीयता का उल्लंघन कर कैमरे और रिकार्डर लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि परिवारों के मुताबिक, हिरासत में लिए गए सिखों को जरूरत के मुताबिक भोजन और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही हैं।

धामी ने कहा कि सिख युवाओं के परिवारों ने पिछले चार दिनों से अमृतसर में भूख हड़ताल शुरू कर दी है और उनका स्वास्थ्य भी बिगड़ने लगा है। धामी ने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे जेल के अंदर इन युवाओं के खिलाफ साजिश रची जा रही है। उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन स्वीकार नहीं किया जा सकता, इसलिए सिखों की प्रतिनिधि संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का मुख्य सेवक होने के नाते मैं आपसे इस मामले पर गंभीरता से विचार करने का अनुरोध करता हूं।

एडवोकेट धामी ने कहा कि सरकार को पंजाब के इन युवाओं के साथ अलगाव का व्यवहार करने की बजाय गंभीरता से इस मुद्दे को सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। चूंकि ये सिख युवक पंजाब के हैं, इसलिए इनकी नजरबंदी भी पंजाब की जेल में ही रखी जानी चाहिए।

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