जिले का एक और लाल सिपाही गुरप्रीत सिंह हुआ वतन पर कुर्बान

सैन्य सम्मान से आज होगा अंतिम संस्कार

पठानकोट : एक ओर सारा देश कड़कती ठंड से ठिठुर रहा है वहीं सरहद पर तैनात हमारे वीर जवान कठिन परिस्थितियों में तनदेही से ड्यूटी निभाते हुए आए दिन अपना बलिदान दे रहे हैं ताकि देशवासी चैन की नींद सो सकें। इस जिले को तो वैसे भी शहीदों की जन्मस्थली होने का मान प्राप्त है। शहादतों की इसी परंपरा को कायम रखते हुए जिले के गांव भैणी खादर का 24 वर्षीय सिपाही गुरप्रीत सिंह भी अपना बलिदान देकर अपना नाम शहीदों की श्रृंखला में स्वर्ण अक्षरों में अंकित करवा गया।

इस संबंधी जानकारी देते हुए शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने बताया कि सिपाही गुरप्रीत सिंह 6 साल पहले 73 फील्ड रेजीमेंट में भर्ती हुआ था तथा इन वर्षो में ज्यादातर वो आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्रों में ही रहा। शहीद सिपाही गुरप्रीत सिंह के पिता नरिंदर सिंह ने नम आंखों से उनका बेटा पिछले साल अगस्त महीने वीनागुड़ी वेस्ट बंगाल से 45 दिन छुट्टी आया था। छुट्टी काटने के बाद वो सीधा 18 राष्ट्रीय राइफल्स जो कि जम्मूकश्मीर के आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्र गुलमर्ग सेक्टर में तैनात थी, में शामिल होकर देश सेवा में जुट गया।

गत दिवस वो अपने साथियों सहित गुलमर्ग से काफी दूर बर्फीली पहाड़ियों पर आतंकियों की टोह लेने हेतु गश्त कर रहे थे कि इसी बीच गुरप्रीत सिंह का पांव पहाड़ी से फिसल गया तथा गहरी खाई में गिरने से उनके बेटे ने अपना बलिदान दे दिया। उन्होंने कहा कल शाम 6 बजे उन्हें यूनिट से फोन आया कि उनका बेटा देश की सुरक्षा करते हुए शहीद हो गया है।

घर में अकेला कमाने वाला था गुरप्रीत सिंह

कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने बताया कि सिपाही गुरप्रीत सिंह अपने पीछे मां लखविंदर कौर, पिता नरिंदर सिंह व छोटा भाई हरप्रीत सिंह छोड़ गया है। उन्होंने बताया कि गुरप्रीत अकेला कमाने वाला था सारे घर की जिम्मेदारी इसी के कंधों पर थी मगर इसके चले जाने से परिवार पर जो दुखों का जो पहाड़ टूटा है शायद ही इस सदमे से कभी यह परिवार उभर पाए। उन्होंने कहा कि उनकी परिषद इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़ी है और हम इनके हौसलों को कभी परास्त नहीं होने देंगे। कुंवर विक्की ने बताया कि इस वीर सैनिक की पार्थिव देह आज देर रात पठानकोट पहुंचने की संभावना है तथा 13 जनवरी को सुबह इनके गंव भैनी खादर में पूरे सैन्य सम्मान से सिपाही गुरप्रीत सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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