आज देश के लोकतंत्र की हालत देखकर भगत सिंह की आत्मा को दुख होता होगा : सीएम मान

भगवंत मान ने भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को उनके शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

नई दिल्ली/चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को उनके शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि आज देश के लोकतंत्र की हालत देखकर भगत सिंह की आत्मा को बहुत दुख होता होगा। दिल्ली के शहीदी पार्क में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन के दौरान प्रैस को संबोधित करते हुए मान ने कहा कि 23 साल की छोटी उम्र में भगत सिंह ने अपना बलिदान दिया ताकि हमारा देश आजाद हो सके और हमें वोट देने और अपने नेता को चुनने का अधिकार मिल सके। लेकिन आज भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की आत्मा को पीड़ा हो रही होगी कि इस देश में लोकतंत्र नहीं है।


वह (भगत सिंह) सोच रहे होंगे कि क्या हमने इस आजादी के लिए बलिदान दिया था! मान ने कहा कि यह कैसा लोकतंत्र या आजादी है जहां एक पार्टी विपक्ष को प्रचार नहीं करने देती और चुनाव नहीं लड़ने देती। विपक्षी नेता को गिरफ्तार कर जेल भेज देती है। यदि विपक्ष जीत रहा है तो चंडीगढ़ की तरह उनके वोट रद्द कर अपनी पसंद का मेयर नियुक्त कर देती है। इससे हमारे शहीदों की आत्मा अवश्य पीड़ा महसूस कर रही होगी। लेकिन हम अपने शहीदों के सपनों की आजादी के लिए लड़ेंगे। आप नेता ने आगे कहा कि वे अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार तो कर सकते हैं लेकिन उनकी सोच को कैसे रोकेंगे? अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद पूरा देश इतना गुस्से में है और देख रहा है कि भाजपा कैसे हमारे लोकतंत्र को तानाशाही में बदलने की कोशिश कर रही है। वे नहीं चाहते कि सरकार बनाने या राज्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए कोई विपक्ष हो। वे दिल्ली हार गए तो उनके एलजी शासन कर रहे हैं।

वे राज्यपालों के माध्यम से गैर-भाजपा राज्य सरकारों को परेशान कर रहे हैं। बाबा साहिब डा. बीआर आंबेडकर का संविधान आज खतरे में है। हमारा लोकतंत्र खतरे में है। मैं अपने देश के 140 करोड़ लोगों से आग्रह करता हूं कि इस तानाशाही पार्टी से लड़ने के लिए एक साथ आएं और देश व लोकतंत्र को बचाएं। मान ने कहा कि यह देश किसी की निजी संपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 26 जनवरी के लिए पंजाब की झांकी को खारिज कर दिया। क्या वे भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव से भी बड़े हो गए हैं? पहले हम अंग्रेजों से लड़े, अब इन चोरों से लड़ रहे हैं। आज दुनिया भर के कई अखबारों ने छापा कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है।

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